Last Updated: Wednesday, November 13, 2013, 19:49
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा मुंबई स्थित कैंपा कोला परिसर को गिराए जाने पर 31 मई 2014 तक रोक लगाए जाने के तुरंत बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उनकी सरकार की सहनुभूति वहां के निवासियों के साथ है और वह इस संबंध में मौजूद कानूनी विकल्प तलाशेंगे।
चव्हाण ने कहा कि भवन निर्माण में गंभीर उल्लंघन हुए हैं और उसे गिराने का उच्चतम न्यायालय का पुराना फैसला बहुत कठोर था क्योंकि उसने फ्लैटों को गिराए जाने के संबंध में किसी भी राज्य प्राधिकार का हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था। निवासियों की मदद करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कानूनी विकल्प तलाशने के संबंध में संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को निष्प्रभावी बनाने के लिए अध्यादेश जारी करने पर भी विचार किया जा रहा है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, निवासियों को कुछ राहत मिली है.. हमारी सहानुभूति उनके साथ है। आगे के रास्ते के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कानूनी सलाह लेगी। उन्होंने कहा कि भारत के अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती पहले बृहन्नमुंबई निगम परिषद् के वकील रह चुके हैं और संभवत: उनसे भी कानूनी सलाह ली जाएगी। चव्हाण ने कहा कि उन्होंने शहरी विकास विभाग से कहा है कि वह भवन कानून उल्लंघन के विभिन्न पहलूओं की जांच करे और इसके लिए जिम्मेदारी तय करे। मीडिया में आयी खबरों के आधार पर चव्हाण ने कहा, निवासियों ने यह जानते हुए कि फ्लैट अवैध जमीन पर बना है उसे खरीदा क्योंकि उसका मूल्य बाजार कीमत से बहुत कम था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 13, 2013, 19:49