Last Updated: Sunday, February 2, 2014, 18:57

देहरादून : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज कहा कि पारदर्शिता उनकी सरकार का लक्ष्य होगा और साल 2013 में अचानक आई बाढ़ के प्रभावों से पार पाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संवादददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रावत ने कहा कि शासन में पारदर्शिता रखी जाएगी और मीडिया से सतर्क रहने को कहा ताकि किसी स्तर पर भी उस आदर्श से जरा भी विचलित हम नहीं हों।
रावत ने कहा, ‘पारदर्शिता हमारा लक्ष्य होगा और मीडिया समुदाय के सदस्य हमारे ऑडिटर होंगे जो सुनिश्चित करेंगे कि हम राह से भटकें नहीं।’ राज्य को प्राकृतिक आपदा के प्रभावों से बाहर निकालने के काम को अपनी शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों को अलग-अलग जोन में बांटा जाएगा और प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त शक्तियां रखने वाले अधिकारी को तैनात किया जाएगा ताकि पीड़ितों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री को बदले जाने की व्याख्या सरकार बदले जाने के तौर पर नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बहुगुणा सरकार की सारी घोषणाओं को लागू करेगी। रावत की नियुक्ति को कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनावों में अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। रावत ने कहा कि प्रदान की गई सेवा और सरकार की ओर से किया गया विकास एकमात्र कारक होंगे जो पहाड़ी राज्य में चुनाव के नतीजे का फैसला करेंगे।
एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा, ‘लोक विकास की ओर देख रहे हैं। अगर उनकी अच्छी तरह सेवा की जाती है और विकास होता है तो मुझे हमारे उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव में वोट मिलने के बारे में कोई शंका नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी उत्तराखंड में फैक्टर नहीं होंगे तो उन्होंने कहा कि जो भी फैक्टर होगा उसे लोगों को सेवा प्रदान करके और विकास करके उसका प्रतिरोध किया जाएगा। उन्होंने खनन माफिया पर कार्रवाई करने के लिए अपने पूर्ववर्ती विजय बहुगुणा की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस प्रयोग को अन्य क्षेत्रों में भी आजमाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यबल का गठन संपत्ति से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए भी किया जा सकता है। राज्य में संपत्ति से संबंधित अपराध बढ़ रहे हैं। रावत ने कहा कि उन्होंने डीजीपी बी एस सिद्धू के साथ बैठक की है और उनसे इस विचार की व्यवहार्यता का परीक्षण करने को कहा। यह पूछे जाने पर कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के समापन के करीब पहुंचने के बावजूद वार्षिक बजट की अब तक सिर्फ 35 फीसदी राशि खर्च किए जाने के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है और शीघ्र ही होने वाली मंत्रिमंडल की अगली बैठक में बजट खर्च को बढ़ाने के तरीकों को तलाशने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए रावत ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन क्षेत्रों को अचानक आई बाढ़ में भारी क्षति हुई थी। रावत कल विजय बहुगुणा की जगह राज्य के मुख्यमंत्री बने। उनसे केंद्रीय नेतृत्व ने जून में आई प्राकृतिक आपदा के बाद संकट से कथित तौर पर सही तरीके से नहीं निपटने को लेकर पद से इस्तीफा देने को कहा था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 2, 2014, 18:57