Last Updated: Tuesday, January 14, 2014, 21:58

लखनऊ: मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिष्ठित उलेमा मौलाना अरशद मदनी के नेतृत्व में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करके उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया और कुछ अधिकारियों की शिकायत भी की।
मदनी ने संवाददाताओं से कहा, ’ हम मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों की सहायता में किये गये कामों के लिए प्रदेश सरकार की सराहना करते हैं। हमारी एक और मांग है कि जिस तरह से दंगो मे मारे गये लोगो के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जा रही है , उसी तरह दंगो के बाद से लापता लोगो के परिवारों को भी दी जाये। ’ मदनी ने कहा कि यदि सरकार यह बात मान लेती है तो दंगा पीड़ितो की बहुत बड़ी मदद हो जायेगी।
उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगो पर राजनीति किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दंगे स्थानीय प्रशासन की विफलता का परिणाम है और अब प्रशासनिक अधिकारी एक दूसरे पर दोषारोपण करने में लगे है , जो उचित नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त मुस्लिम नेता आशू मलिक ने कहा कि दंगा पीड़ित स्वयं मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से मिलकर अपनी समस्याएं उन्हें बताना चाहते थे , इसीलिए आज यह प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा है।
मलिक ने कहा , ’ विपक्षी दल दंगो पर राजनीति कर रहे हैं, हम यहां इसलिए आये है कि दंगा पीड़ित स्वयं अपनी समस्याएं सपा मुखिया और मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते थे। ’ मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सपा मुखिया और मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें अब भी धमकियां मिल रही हैं और शामली जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी उनकी सहायता में आनाकानी कर रहे है।
उन्होंने बताया कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनकी बातें गंभीरता से सुनी है और उनके समाधान का आश्वासन दिया है। मुजफ्फरनगर दंगो को रोकने में समय से प्रभावी कदम उठा पाने में विफल रहने के कारण विपक्षी दलो की आलोचनाओं से घिरी अखिलेश सरकार पर सैफई महोत्सव में हुए नाचगान के बाद से दंगा पीड़ितों और शिविरों में मर रहे लोगो की उपेक्षा का आरोप भी लग रहा है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 14, 2014, 21:58