Last Updated: Wednesday, March 5, 2014, 00:25

कानपुर/लखनऊ : चिकित्सकों की हड़ताल के कारण उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं क्योंकि कानपुर में अपने सहयोगियों पर हुए हमले के विरोध में आगरा में 200 चिकित्सकों ने इस्तीफा दे दिया है। इसी बीच गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार के साथ बातचीत विफल हो गई है।
विरोध के पांचवे दिन में प्रवेश करने के बीच ही भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए) ने अखिलेश सरकार को उनकी मांग पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। इन मांगों में शुक्रवार को संघर्ष में कथित रूप से शामिल सपा विधायक इरफान सोलंकी की गिरफ्तारी, एसएसपी यशस्वी यादव के खिलाफ कार्रवाई तथा 24 कनिष्ठ चिकित्सकों के खिलाफ आरोप वापस लिया जाना शामिल हैं। इन जूनियर डाक्टरों को कल रात जमानत मिल गयी लेकिन उन्होंने जेल से बाहर आने से इंकार कर दिया।
लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों एवं विरोध कर रहे चिकित्सकों के प्रतिनिधियों के दल के साथ बातचीत की। उन्होंने वादा किया कि दोषी पाए जाने पर विधायक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। लेकिन हड़ताल कर रहे चिकित्सक इस बातचीत के नतीजे से असंतुष्ट नजर आए। अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा कि इस पूरे मामले की जांच चल रही है तथा यदि सपा विधायक इरफान सोलंकी दोषी पाये गये तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मैं चिकित्सकों से उनकी हड़ताल वापस लेने की अपील करता हूं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 5, 2014, 00:25