उप्र में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का 5वां दिन

उप्र में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का 5वां दिन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वेतन विसंगतियों के खिलाफ कर्मचारियों की हड़ताल पाचवें दिन भी जारी है। हड़ताल की वजह से जहां हर दिन सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सभी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप है।

राज्य में अब सोमवार से अस्पतालों में भी हड़ताल का असर दिखना शुरू हो जाएगा। कर्मचारी अधिकार मंच ने 18 नवंबर से विभिन्न विभागों के मुख्यालयों पर हफ्ते भर प्रदर्शन के साथ ही स्वास्थ्य सेवा ठप करने का फैसला किया है। 18 नवंबर को आप्टोमेटिक्स, 19 को मरीजों का पर्चा बनाने वाले समूह, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और 20 नवंबर को इसीजी, टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट, लैब टेक्नीशियन की आपात सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। इस स्थिति में मरीजों और सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है।

इधर, सरकार और हड़ताली कर्मचारियों के बीच पहले दौर की बातचीत असफल होने के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। कर्मचारियों को बांटने की कोशिशें उल्टी पड़ी हैं, जबकि राजनीतिक दलों के समर्थन से कर्मचारी हड़ताल सियासी रंग लेती जा रही है। भाजपा, कांग्रेस और रालोद के समर्थन ने कर्मचारियों का हौसला बढ़ा दिया है और अब कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल का हफ्ते भर का कार्यक्रम भी तय कर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन और कई विभागों के प्रमुख सचिवों की पहल के बावजूद कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। मुहर्रम के अवकाश की वजह से शुक्रवार को सरकारी कार्यालय बंद थे, लेकिन कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को प्रभावी बनाने की रणनीति तैयार कर ली है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ़. निर्मल खत्री और रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान सहित कई दलों ने कर्मचारियों के पक्ष में खड़े होकर सरकार की मुसीबतों को और बढ़ा दिया है। इन दलों ने भी कर्मचारियों की मांग पूरी करने को सरकार पर दबाव बनाया है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और राज्य कर्मचारी महासंघ के साझा संगठन राज्य कर्मचारी अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल हरि किशोर तिवारी व अजय सिंह ने कहा कि वार्ता के लिए अभी तक जो भी लोग आए, वे सक्षम लोग नहीं थे। जब तक फैसला लेने वाले सक्षम लोग वार्ता नहीं करेंगे, तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 16, 2013, 13:30

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