Last Updated: Thursday, January 2, 2014, 10:37

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार किशोरी के शव का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो बार सामूहिक दुष्कर्म की शिकार किशोरी ने खुद को आग लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस द्वारा कथित रूप से जबरन अंतिम संस्कार कराए जाने के आरोप के बाद राज्य में राजनीतिक तूफान शुरू हो गया और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे तक की मांग की। पीड़िता के साथ अक्टूबर महीने में दो बार सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उसने मंगलवार को शहर के एक अस्पताल में अंतिम सांसें ली। 23 दिसंबर को बुरी तरह झुलसी हालत में उसे यहां भर्ती कराया गया था।
आत्महत्या का प्रयास माने जाने के बीच पीड़िता ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में दो दुष्कर्म आरोपियों पर उसे जलाकर मारने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एयरपोर्ट डिवीजन) निंबालकर संतोष उत्तमराव ने कहा कि एक चिकित्सक और एक पुलिस अधिकारी के सामने अपने मृत्युपूर्व बयान में पीड़िता ने कहा कि रतन सिल और मिंटा सिल ने उसे जलाया है। पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगा दिया है। छह आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने बुधवार को पुलिस पर मृत दुष्कर्म पीड़िता का उसके परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ अंतिम संस्कार करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
पेशे टैक्सी ड्राइवर बिहार निवासी पीड़िता के पिता ने राज्यपाल एम. के. नारायणन से मिलकर अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर आशंका जताई। पुलिस और गुंडों ने उसे राज्य से चले जाने की धमकी दी जिसके बाद उसने राज्यपाल से मुलाकात की। उसने कहा कि पुलिस ने मुझे धमकी दी और कहा कि राज्य से चले जाओ नहीं तो वे मुझे यहां कैब नहीं चलाने देंगे।
माकपा से संबद्ध श्रमिक संगठन सीटू के अध्यक्ष श्यामल चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस ने शव का जबरन अंतिम संस्कार कराने की कोशिश की और यहां तक कि विरोध करने वालों पर लाठी चार्ज किया। पीड़िता के शोकाकुल पिता ने कहा कि मेरी बच्ची के शव को लेकर कितना नाटक मचाया जा रहा है।
पीड़िता के परिवार वालों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बच्ची की मौत पर शोक में जुलूस निकाला, और उन्होंने दुष्कर्मियों को मौत की सजा की मांग करते हुए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव रखा। पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन वाम मोर्चा ने पीड़िता के परिवार को `प्रताड़ित` किए जाने के खिलाफ राज्य भर में पुलिस की निंदा में जुलूस निकालने का फैसला किया है। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मामले में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट तलब करने का फैसला किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 2, 2014, 10:37