Last Updated: Thursday, January 2, 2014, 12:29
ज़ी मीडिया ब्यूरोकोलकाता: कोलकाता गैंगरेप मामले में नया खुलासा हुआ है। हैवानियत की बलि चढ़ी नाबालिग लड़की ने खुद को आग नहीं लगाई थी। उसके शरीर में आग लगाई गई थी। उसकी मौत के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक मौत से पहले पुलिस को दिए बयान में कहा था कि उसने खुद को आग नहीं लगाई है। मामला वापस लेने के लिए धमकी देने आए युवकों ने घर में अकेला पाकर उसके शरीर में आग लगा दी थी। इसके बाद एक हफ्ते तक वह अस्पताल में भर्ती रही थी और उसके बाद उसने दम तोड़ दिया।
पश्चिम बंगाल में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार किशोरी के शव का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस द्वारा कथित रूप से जबरन अंतिम संस्कार कराए जाने के आरोप के बाद राज्य में राजनीतिक तूफान शुरू हो गया और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे तक की मांग की। पीड़िता के साथ अक्टूबर महीने में दो बार सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उसने मंगलवार को शहर के एक अस्पताल में अंतिम सांसें ली। 23 दिसंबर को बुरी तरह झुलसी हालत में उसे यहां भर्ती कराया गया था।
आत्महत्या का प्रयास माने जाने के बीच पीड़िता ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में दो दुष्कर्म आरोपियों पर उसे जलाकर मारने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एयरपोर्ट डिवीजन) निंबालकर संतोष उत्तमराव ने कहा कि एक चिकित्सक और एक पुलिस अधिकारी के सामने अपने मृत्युपूर्व बयान में पीड़िता ने कहा कि रतन सिल और मिंटा सिल ने उसे जलाया है। पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगा दिया है। छह आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पीड़िता के परिवार वालों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बच्ची की मौत पर शोक में जुलूस निकाला, और उन्होंने दुष्कर्मियों को मौत की सजा की मांग करते हुए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव रखा। पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन वाम मोर्चा ने पीड़िता के परिवार को `प्रताड़ित` किए जाने के खिलाफ राज्य भर में पुलिस की निंदा में जुलूस निकालने का फैसला किया है। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मामले में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट तलब करने का फैसला किया।
First Published: Thursday, January 2, 2014, 11:06