सरपंच की क्रूरता की हद, ग्रामीण की चबा डाली उंगली

सरपंच की क्रूरता की हद, ग्रामीण की चबा डाली उंगली

राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ में पंचायती राज का आलम कैसा है, इसकी एक बानगी राजनांदगांव जिले में दिखी। यहां ग्रामसभा का निर्णय जब सरपंच के मुताबिक नहीं हुआ तो उन्होंने एक ग्रामीण की उंगली चबा डाली। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत लालबाग थाने में दर्ज काराई है।

बताया जाता है कि भरेगांव में रविवार को ग्रामसभा हुई, वहां एक निर्णय हुआ, जो सरपंच रोहित चंद्राकर के मन मुताबिक नहीं था। इसके बाद सरपंच आक्रोशित हो गया और ग्रामीणों से हाथापाई करने लगा। इसी समय उसने एक व्यक्ति की उंगली चबा ली। उंगली से काफी खून बहने पर पीड़ित व्यक्ति कुछ और लोगों को साथ लेकर पुलिस थाने पहुंचा। पुलिस ग्रामीणों की शिकायत की जांच कर रही है।

पूर्व सरपंच दिलीप चंद्राकर ने बताया कि भरेगांव में काफी समय से घनाराम और ईश्वर निषाद अंडे बेचने का काम करते हैं। सरपंच रोहित उनका विरोध करता आ रहा है। रोहित का कहना है कि गांव में अंडे नहीं बेचे जाने चाहिए। इस बात को लेकर कई बार ग्रामीणों ने भी हस्तक्षेप किया और कहा कि अंडा बेचना कोई अपराध नहीं है। इसलिए घनाराम की दुकान बंद नहीं कराई जा सकती।

इससे आक्रोशित सरपंच ने घनाराम और ईश्वर के राशन कार्ड से अनाज दिलवाना ही बंद कर दिया। बीते महीने दोनों को राशन दुकान से अनाज मिला ही नहीं। यह बात गांव के सभी लोगों को पता चली। तब रविवार को शाम तकरीबन पांच बजे ग्रामसभा बुलाई गई। राशन नहीं देने और अंडे की दुकान के विरोध को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद ग्रामसभा के अध्यक्ष ने ग्रामीणों की सहमति से निर्णय लिया कि दोनों को अनाज मिलना चाहिए। साथ ही अंडा दुकान बंद नहीं कराई जाएगी। इससे गांव के माहौल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ रहा है।

यह निर्णय हुआ ही था कि रोहित चंद्राकर और उसके करीबी हल्ला मचाने लगे। तभी दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई। इसी बीच रोहित ने घनाराम के हाथ को दांतों से काट लिया। हाथापाई में प्रकाश यादव को भी चोटें आई हैं। ग्रामीणों ने सरपंच पर यह भी आरोप लगाया कि सभा में उसने लोगों से गाली-गलौज भी की। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 23, 2013, 16:49

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