Last Updated: Friday, December 20, 2013, 00:21
इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने शुरू में सैयद इब्ने अब्बास को नई दिल्ली में अपना उच्चायुक्त बनाने का विचार बनाया था लेकिन फिर उसने अपना मन बदल लिया। सरकार का मानना है कि अब्बास के पास इस महत्वपूर्ण पद के लिए काफी कम अनुभव है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश कार्यालय के पूर्व प्रवक्ता अब्दुल बासित के बारे में सरकार ने दस दिन पहले ही फैसला कर लिया था लेकिन आज औपचारिक निर्णय किया गया। बासित नई दिल्ली में पूर्व विदेश सचिव सलमान बशीर से ऐसे समय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगे जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत के साथ रिश्ते मधुर बनाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने सभी लंबित मुद्दों का समाधान निकालने के मकसद से समग्र वार्ता बहाल का आह्वान किया है। नयी दिल्ली में अब्बास को पदस्थ नहीं करने का अचानक उठाया गया कदम, दुनिया की प्रमुख राजधानियों में राजदूतों की तैनाती को लेकर एक माह के भीतर किया गया चौथा बदलाव है।
अब्बास की तैनाती के लिए भारतीय सरकार से औपचारिक सहमति मांगी गयी थी। अब सहमति के लिए नये सिरे से भारत के पास अनुरोध भेजा जायेगा। बासित को पिछले माह विदेश सचिव बनाये जाने के संकेत दिये गये थे। उन्हें जलील अब्बास जिलानी की जगह लेना था जिन्हें अमेरिका का नया राजदूत बनाया गया है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता एवं अतिरिक्त विदेश सचिव एजाज चौधरी को बेल्जियम एवं यूरोपीय संघ का राजदूत बनाया जाना तय था। अब उम्मीद की जा रही है कि उन्हें विदेश सचिव बनाया जायेगा। बासित इससे पहले 2008-09 में महानिदेशक और 2009-12 में अतिरिक्त सचिव (यूरोप) के तौर पर काम कर चुके हैं। राजदूत के रूप में उनकी अंतिम तैनाती जर्मनी में थी।
मौजूदा उच्चायुक्त सलमान बशीर को नई दिल्ली में बने रहने को कहा गया था क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ पिछले हफ्ते भारत यात्रा पर गये हुए थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 20, 2013, 00:21