Last Updated: Thursday, May 22, 2014, 19:09
वाशिंगटन : अमेरिका ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में मधुरता आने के संकेत का स्वागत किया। दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी देशों ने भारत में नए प्रधानमंत्री के सत्तारूढ़ होने से पहले एक-दूसरे के प्रति जो सदाशयता दिखाई है, अमेरिका ने उसका स्वागत किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेनिफर साकी भारत के नामित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अलावा दक्षिण एशियाई देशों के प्रमुखों को निमंत्रण दिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही थीं। शरीफ ने मोदी को पाकिस्तान आने का न्योता दिया है।
साकी ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि हम भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के नेताओं के बीच और भारत का अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ बढ़ते संपर्क का स्वागत करते हैं। साकी ने कहा कि हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संपर्क बढ़ते जाना एक सकारात्मक कदम है, आगे देखेंगे कि क्या होता है।
साकी ने कहा कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण में संयुक्त राज्य अमेरिका से अपना प्रतिनिधि भेजने की हमारी कोई योजना नहीं है। यह भारत में होने वाला एक आंतरिक समारोह है। इसे किसी चौंकाने वाली घटना की तरह नहीं लिया जाना चाहिए।
अमेरिका ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी को 2005 में वीजा नहीं दिया था। अमेरिका ने 2002 के गुजरात दंगों में मोदी की कथित भूमिका के कारण उन्हें वीजा देने से इनकार किया था। दंगों में एक समुदाय विशेष के हजार से अधिक लोग मारे गए थे। भारत की कोई भी एजेंसी हालांकि मोदी की संलिप्तता की पुष्टि करने वाला कोई ठोस सबूत ढूंढ़ पाने में अब तक नाकाम रही है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 22, 2014, 19:09