भारत की नई परमाणु क्षमताओं के विकास पर अमेरिकी नजर

भारत की नई परमाणु क्षमताओं के विकास पर अमेरिकी नजर

वाशिंगटन: अमेरिका के एक थिंक टैंक का कहना है कि भारत अधिक शक्तिशाली परमाणु हथियार समेत सैन्य उद्देश्यों के लिए संवर्धित यूरेनियम के उत्पादन की अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है। थिंक टैंक ने मैसूर के पास निर्माणाधीन एक गैस सेंट्रिफ्यूज परिसर की उपग्रह से ली गयी तस्वीर को देखकर ऐसा कहा।

इंस्टिट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्युरिटी (आईएसआईएस) की नवीनतम रिपोर्ट में डेविड अल्ब्राइट और सेरेना केलेहर-वेरगनटिनी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत मैसूर के पास रेयर मैटरियल्स प्लांट (आरएमपी) में एक दूसरे गैस सेंट्रिफ्यूज परिसर का निर्माण पूरा कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत साथ ही कर्नाटक में परमाणु सुरक्षा मानकों से मुक्त एक बड़े सेंट्रिफ्यूज परिसर, विशेष सामग्री संवर्धन प्रतिष्ठान (एसएमईएफ) के निर्माण के शुरूआती दौर में है। आईएसआईएस ने कहा कि भारत के यूरेनियम संवर्धन संयंत्र अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा उपायों के तहत नहीं हैं और न ही शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए प्रतिबद्ध हैं। थिंक टैंक ने कहा कि दुनिया भर की सरकारें और परमाणु एवं परमाणु संबंधी दोहरे उपयोग के सामान के आपूर्तिकर्ताओं को कर्नाटक में नए सेंट्रिफ्यूज परिसर और आरएमपी के लिए भारत की व्यापार एवं विनिर्माण कंपनियों द्वारा ये सामान प्राप्त करने के प्रयासों को रोकने के लिए सतर्क रहना चाहिए। आईएसआईएस ने इससे पहले भारत अमेरिका असैन्य परमाणु करार के खिलाफ भी लॉबीइंग की थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 5, 2013, 10:48

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