Last Updated: Saturday, April 19, 2014, 15:04
ज़ी मीडिया ब्यूरोजिंदो (दक्षिण कोरिया) : दक्षिण कोरियाई पोत के डूबने के दो दिन बाद गोताखोर पानी की तेज धार और कम रोशनी के बावजूद पोत तक पहुंचने में कामयाब रहे। लेकिन बुधवार को सुबह डूबे 6825 टन वजनी जहाज सीवोल से बचाकर निकाले गए एक हाईस्कूल के उप प्राचार्य ने खुदकुशी कर ली। जहाज में उनके स्कूल के सैकड़ों छात्र डूब गए। जांचकर्ताओं ने जहाज के कप्तान और चालक दल के दो सदस्यों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की है।
गोताखोरों को जहाज डूबने के 48 घंटे से भी अधिक समय बाद सफलता मिली है। 6825 टन वजनी सीवोल जहाज के डूबने के बाद देरी की वजह से लापता 268 लोगों के रिश्तेदार चिंतित हैं। पोत के अचानक डूब जाने के 48 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद गोताखोरों के दल ने अंतत: शुक्रवार दोपहर बाद पानी की तेज धार को चीरते हुए डूबे हुए जहाज तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की।
अनेक कोशिशों के बाद दो और गोताखोर एक दरवाजे को पूरी ताकत लगाकर खोलने और कार्गो सेक्शन में घुसने में सफल रहे। यह जानकारी तटरक्षक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लापता लोगों के रिश्तेदारों को दी। कुछ घंटे बाद दो और लोग जहाज के एक और केबिन में पहुंच सके लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। अधिकारी ने कहा, तलाशी अभियान रात में भी जारी रहेगा।
पास के जिंदो द्वीप में हार्बर पर लौटे एक गोताखोर ने कहा, दृश्यता लगभग नहीं के बराबर थी। आप अपना हाथ भी मुश्किल से ही देख सकते हो। तटरक्षक ने कहा कि पुलिस और अभियोजकों के एक संयुक्त जांच दल ने 52 वर्षीय कैप्टन ली जून-सियोक और दो अन्य सदस्यों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए आवेदन किया है। आरोप स्पष्ट नहीं किए गए हैं।
इससे पहले अभियोजकों ने कहा था कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि फेरी के डूबने से पहले ही ली ने जहाज का संचालन अपने तीसरे दर्जे के अधिकारी को सौंप दिया था। जहाज डूबने से 28 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है लेकिन 268 लोगों के बारे में अब भी स्थिति चिंताजनक है जिनका पता नहीं चला है। सीवोल जहाज के डूबते समय उस पर 475 लोग सवार थे जिनमें से केवल 179 को बचाया जा सका और बुधवार से अभी कोई व्यक्ति जीवित नहीं मिला है।
First Published: Saturday, April 19, 2014, 15:04