Last Updated: Friday, April 18, 2014, 21:11

काठमांडो: माउंट एवरेस्ट पर हुए एक भीषण हिमस्खलन में कम से कम 12 नेपाली शेरपा गाइडों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये। दुनिया की सबसे उंची पर्वत चोटी पर इसे पर्वतारोहण की इसे सबसे घातक दुर्घटना बताया जा रहा है।
हिमस्खलन सुबह करीब 6 बज कर 45 मिनट पर लगभग 5,800 मीटर की उंचाई पर ‘पॉपकॉर्न फील्ड’ इलाके में हुआ। यह स्थान दुर्गम ‘खूंबू आइसफॉल’ के रास्ते में पड़ता है। नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के पर्वतारोहण प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 12 शव बरामद किए गए हैं और इन्हें आधार शिविर लाया गया है। कम से कम चार पर्वतारोही अभी भी लापता बताये जा रहे हैं।
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के पर्वतारोहण प्रकोष्ठ के अधिकारी तिलक पांडे ने बताया कि नेपाली शेरपा गाइड और पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आ गए जो एवरेस्ट स्थित आधार शिविर से कैम्प की ओर बढ़ रहे थे। उन्होंने बताया, ‘ अल्पाइन एसेंट और ‘समिट नेपाल’ समेत छह विभिन्न पर्वतारोहण अभियान के करीब 15 पर्वतारोही थे, जिन्हें हिमस्खलन बहा ले गया।’ नेपाल के पर्यटन विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ लापता पर्वतारोहियों को बचा लिया गया है लेकिन कुछ अब भी लापता बताये जा रहे हैं।
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के प्रवक्ता मोहन कृष्ण सपकोता ने बताया, हमने घटनास्थल से तीन-चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। इस जानलेवा हिमस्खलन में कुल मिलाकर 15 शेरपा और पर्वतारोही लापता हुए हैं, जो हालिया समय में सबसे बड़ा आंकड़ा है।
नेपाल सरकार ने शुक्रवार अपराह्न् आपदा के बाद की स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में अधिकारियों को बचाव कार्य के लिए नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर भेजने का निर्देश दिया गया।
नेपाल के पर्वतारोहण उद्योग डिविजन के प्रमुख मधुसूदन बुर्लाकोटी एवरेस्ट पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण की अनुमति देते हैं। उन्होंने आईएएनएस से पुष्टि की कि घटनास्थल से नौ नेपाली नागरिकों के शव बरामद किए गए हैं। घायल हुए छह अन्य लोग भी नेपाल के नागरिक हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 18, 2014, 21:11