Last Updated: Friday, December 13, 2013, 00:05

ढाका : बांग्लादेश में 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता विरोधी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए और ‘मीरपुर के कसाई’ के तौर पर बदनाम जमात-ए-इस्लामी नेता अब्दुल कादिर मुल्ला को गुरुवार को फांसी दे दी गई।
मुल्ला (65) फांसी दिए जाने से कुछ घंटे पहले ही यहां के सुप्रीम कोर्ट ने पुनरीक्षा याचिका खारिज करते हुए उसकी सजाए मौत की आज पुष्टि की थी। पहले उसकी सजाए मौत की तामील निलंबित कर दी गई थी। एक कारागार अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मुल्ला को ढाका केंद्रीय कारागार में स्थानीय समयानुसार रात 10.01 बजे फांसी दी गई।
इससे पहले प्रधान न्यायाधीश मुजम्मिल हुसैन ने पुनरीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। मुल्ला की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय आया जब दो दिन पहले ही आखिरी क्षण में मुल्ला को राहत देते हुए बड़े ही नाटकीय तौर पर उनकी सजाए मौत की तामील स्थगित कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उच्च सुरक्षा वाले ढाका केन्द्रीय कारागार में बंद मुल्ला को सजा देने के मार्ग का आखिरी अवरोध हट गया था।
पहले की खबरों में कहा गया था कि मुल्ला को मध्य रात्रि के ठीक बाद फांसी दी जाएगी। जेल अधिकारियों का कहना था मुल्ला ने संविधान के प्रवाधान के तहत मुल्ला ने राष्ट्रपति से माफी की गुहार लगाने से इंकार कर दिया था। युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने 5 फरवरी को मुल्ला को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसके बाद, 17 सितंबर को अपीली विभाग ने फैसले को संशोधित कर दिया और उसे बढ़ा कर सजा-ए-मौत में बदल डाला। जमात-ए-इस्लामी के चौथे नंबर का नेता एवं सहायक महासचिव मुल्ला पहला राजनीतिज्ञ था जिसे दोषी ठहराया गया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर न्यायाधिकरण ने मुल्ला के लिए एक मृत्यु वारंट जारी किया। मुल्ला ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान जो जुल्म ढाए थे और पाकिस्तानी सैनिकों की हिमायत की थी, उसके लिए उसे ‘मीरपुर का कसाई’ कहा गया। मुल्ला को मंगलवार को रात के 12 बज कर 1 मिनट पर फांसी पर लटकाया जाना था लेकिन उससे 2 घंटे पहले सजाए मौत की तामील टाल दी गई। सजाए मौत की तामील स्थगन करने का आदेश ऐसे वक्त आया जब जेल अधिकारी मुल्ला को फांसी पर लटकाने के लिए तैयार थे। मुल्ला के वकीलों ने मुल्ला को सजाए मौत सुनाने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा के लिए एक याचिका दायर की थी। स्थगनादेश उसी याचिका पर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 13, 2013, 00:05