Last Updated: Wednesday, October 30, 2013, 22:45
ढाका : बांग्लादेश के अब तक के सबसे बड़े आपराधिक मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला पांच नवंबर तक के लिए टल गया। वर्ष 2009 में हुए खूनी विद्रोह के दौरान 74 लोगों की मौत के मामले में करीब 850 सैनिक आरोपी हैं। तृतीय अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश की अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद अख्तरूज्जामन ने यहां कहा कि बीडीआर खूनी विद्रोह मामले में फैसले की तारीख को आज से पांच नवंबर के लिए स्थानान्तरित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह फैसला सुनाने के लिए कुछ अतिरिक्त दिन की जरूरत है क्योंकि फैसला तय समय में तैयार नहीं हो सका। तत्कालीन बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के सैनिकों का भविष्य इस फैसले से तय होगा क्योंकि 74 लोगों की मौत के मामले में उन्हें मौत की सजा भी हो सकती है। मरने वालों में बीडीआर प्रमुख मेजर जनरल शकील अहमद और 56 अन्य सेनाधिकारी थे।
इस मामले के मुख्य अभियोजक अनीसुर हक ने कहा कि आरोपियों, गवाहों और मारे गये लोगों की संख्या के संदर्भ में यह आपराधिक मामला विश्व के सबसे बड़े मामलों में से एक है। खास बात यह है कि उनके खिलाफ देश के साधारण कानून के तहत सुनवाई हुई।
उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि जब फैसला सुनाया जाएगा, न्याय सही ढंग से होगा। कुल 1300 सूचीबद्ध गवाहों में से अभियोजन पक्ष के 655 और बचाव पक्ष के 27 गवाहों ने अदालत के सामने गवाही दी। 846 विद्रोही सैनिकों और कई नागरिकों के मारे जाने से जुड़े इस मामले की सुनवाई 20 अक्तूबर को पूरी हुई थी। अगर आरोपी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें मौत की सजा दी जा सकती है।
तत्कालीन सत्र न्यायाधीश जोहरूल हक ने पांच जनवरी 2011 को बीडीआर के पूर्व सैनिकों के खिलाफ सुनवाई शुरू की थी। बीडीआर की अब नाम बदलकर बीजीबी (बार्डर गार्ड बांग्लादेश) कर दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 30, 2013, 22:45