Last Updated: Thursday, December 26, 2013, 18:25

ढाका : बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने पांच जनवरी को होने वाले चुनाव को स्थगित करने की मांग पर राजधानी में संभावित व्यापक सरकार विरोधी रैली के पहले विपक्षी बीएनपी की प्रमुख खालिदा जिया के आवास को चारों ओर से घेर लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दंगा रोधी साजो सामान से लैस पुलिस ने व्यस्त क्षेत्र गुलशन स्थित जिया के आवास को घेर लिया तथा कार्यकर्ताओं एवं आगंतुकों को परिसर में जाने से रोक दिया। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या 68 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को नजरबंद किया गया है।
पुलिस आयुक्त बेनजीर अहमद ने अधिक ब्यौरा दिये बिना संवाददाताओं से कहा, ‘हम कानून व्यवस्था तथा सभी के लिए सुरक्षा के लिहाज से जो भी आवश्यक है, कर रहे हैं।’ मीडिया की खबरों में जिया के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सलाहकार शमशेर मोबिन चौधरी ने कहा, ‘वह कल से एक प्रकार से नजरबंद हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह 29 दिसंबर के लोकतंत्र के मार्च को विफल करने का सरकार का कदम है।
बहरहाल, पुलिस अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया कि जिया को हिरासत में रखा गया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें जिया एवं अन्य दलों के नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया है। प्रतिक्रिया के लिए फिलहाल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का कोई नेता उपलब्ध नहीं हो सका।
इस बीच, टीवी चैनलों में खबर आयी है कि पुलिस ने बीएनपी के सांसद शम्मी अख्तर को कल देर रात जिया के घर से गिरफ्तार किया। उनके साथ पार्टी के तीन अन्य नेताओं को भी पकड़ा गया है। जिया ने 24 दिसंबर को लोगों से अनुरोध किया था कि वे 29 दिसंबर को पूरे देश से ढाका के लिए कूच करें। 18 दलों वाले विपक्षी गठबंधन ने करीब एक माह तक चली नाकेबंदी को वापस ले लिया था। इस दौरान हुई व्यापक हिंसा में 130 से अधिक लोगों की जान गयी थी।
उन्होंने कहा था, ‘यह ऐतिहासिक होगा। हमने इसका नामकरण लोकतंत्र के लिए मार्च किया है। मैं सभी सक्षम देशवासियों से अपील करूंगी कि वे अपने रूझान, धर्म एवं वर्ग का भेद त्याग कर 29 दिसंबर को रैली में शामिल हो।’
बीएनपी एवं कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी सहित उसके सहयोगी 5 जनवरी के चुनावों का बहिष्कार कर रहे हैं। तीन सौ सदस्यीय संसद में आधे से अधिक उम्मीदवार कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं होने के कारण निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। जिया ने सरकार से कहा कि वह चुनावों को रद्द कर दें। उन्होंने यह आशंका व्यक्त की है कि यह चुनाव लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील हो सकते हैं। उन्होंने अपनी चिर विरोधी एवं प्रधानमंत्री शेख हसीना पर हमेशा सत्ता पर कब्जा जमाये रखने के लिए लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने यह भी आगाह किया है कि यदि चुनाव नहीं टाले गये तो उनकी पार्टी कठोर कदम उठा सकती है। पुलिस ने बताया कि उसने बीएनपी के उस अनुरोध पर अभी तक फैसला नहीं किया है जिसमें 29 दिसंबर की रैली की अनुमति मांगी गयी थी। अवामी लीग के कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि रैली की योजना अराजकता फैलाने एवं सरकार को अस्थिर करने के लिए बनायी गयी है।
कानून राज्यमंत्री कुमारूल इस्लाम चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उन्हें (जिया को) अराजकता फैलाने की मंजूरी नहीं देंगे।’ मीडिया खबरों के अनुसार बीएनपी एवं जमात के कार्यकर्ताओं ने कल शाम से ही राजधानी की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। इन कार्यकर्ताओं को भय है कि रैली में पुलिस अड़चन लगा सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 26, 2013, 18:25