पाकिस्तान ने जब ठुकरा दिया था कश्मीर पर ओबामा का सीक्रेट ऑफर

पाकिस्तान ने जब ठुकरा दिया था कश्मीर पर ओबामा का सीक्रेट ऑफर

पाकिस्तान ने जब ठुकरा दिया था कश्मीर पर ओबामा का सीक्रेट ऑफरवॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने 2009 में गुपचुप तरीके से पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था कि अगर वह लश्कर-ए-तैबा और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करना बंद कर दे तो वह भारत के ऊपर कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने का जोर डालेंगे। हालांकि पाकिस्तान ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था।

यह दावा किया है अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने अपनी किताब मैग्निफिसेंट डेल्यूजंस में। उनके मुताबिक, 11 नवंबर 2009 को ओबामा ने पाकिस्तान के तब के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सीक्रेट लेटर लिखा था। इसे तब के नैशनल सिक्योरिटी अडवाइजर जेम्स जॉन्स ने खुद आकर जरदारी को सौंपा था। हक्कानी ने किताब में लिखा कि लेटर में ओबामा ने पाकिस्तान को लंबे समय का पार्टनर बनाने की पेशकश करते हुए अल कायदा, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, लश्कर ए तैबा, हक्कानी नेटवर्क, अफगान तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सहयोग मांगा था।

हक्कानी ने किताब में लिखा कि जवाब में जरदारी ने जो चिट्ठी भेजी, उसमें भारत और अफगानिस्तान से खतरे की पुरानी बात दोहराई गई थी। यह बिल्कुल साफ था कि यह चिट्ठी विदेशी और आईएसआई के अफसरों की कमिटी ने ड्राफ्ट की थी। इसके साथ आर्मी चीफ अशफाक कयानी ने जेम्स जॉन्स को 50 पेजों की अपनी थीसिस भी थमा दी थी, जिसमें पाकिस्तान के हितों और खतरों का जिक्र था। हक्कानी ने दावा किया कि मैंने जब लेटर पढ़ा तो मुझे लगा कि पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान ने राष्ट्रपति आइसेनहावर को 1959 में जो पेपर भेजा था, उसमें भी ठीक ऐसी बातें थीं। साफ है कि आधी सदी बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान की स्थिति बिल्कुल नहीं बदली।

ओबामा ने जरदारी से कहा था कि अगर वह आतंकवाद के खिलाफ साथ दे तो कश्मीर पर बातचीत के लिए भारत पर दबाव डाल सकता है। पाकिस्तान ने अपने लिए पहले से कहीं ज्यादा फायदेमंद शर्तों पर दुनिया के इकलौते सुपरपावर का पार्टनर बनने का मौका खो दिया था। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 6, 2013, 10:38

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