अमेरिका में मतदान का अधिकार खतरे में : ओबामा

अमेरिका में मतदान का अधिकार खतरे में : ओबामा

न्यूयॉर्क : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि रिपब्लिकन पार्टी अमेरिका में मताधिकारों पर खतरा पैदा कर रही है। 1965 में पारित किए गए ऐतिहासिक कानून के बाद से उसके ये प्रयास इस समय चरम पर हैं। इस कानून के तहत लाखों अश्वेत अमेरिकियों और दूसरे अल्पसंख्यकों को मताधिकार दिए गए थे।

ओबामा ने रिपब्लिकन पार्टी की यह आलोचना दरअसल कांग्रेस के नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों से पहले मतदाताओं को सक्रिय करने के लिए की है। इन चुनावों में सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी का नियंत्रण दांव पर है। ओबामा की पार्टी के कई लोगों को डर है कि मतदान के लिए तय अनिवार्यताओं और मतदान से पूर्व लगने वाले प्रतिबंधों के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।

नागरिक अधिकारों के कार्यकर्ता और टीवी प्रस्तोता अल शार्पटन के नेशनल एक्शन नेटवर्क कॉन्फ्रेंस पर दिए जोशीले भाषण में ओबामा ने कहा, ‘सीधा और कड़ा सच यह है कि आज मतदान का अधिकार खतरे में है और पांच दशक पहले मतदान अधिकार अधिनियम के कानून बन जाने के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ।’ यह दूसरा दिन है, जब अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति ने नस्ल के बारे में भाषण दिया है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जो आम तौर पर उनके एजेंडे के शीर्ष पर नहीं रहता।

अल्पसंख्यकों की बहुत कम मदद करने के लिए ओबामा को अफ्रीकी-अमेरिकियों की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ा था लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने असमानता पर ज्यादा ध्यान दिया है। राष्ट्रपति ने संकल्प जताया कि वे मताधिकारों पर किए जाने वाले हमलों को चुनौती देंगे। हालांकि उन्होंने अपने प्रशासन द्वारा किसी विशेष कदम की कोई नई घोषणा नहीं की। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 12, 2014, 10:14

comments powered by Disqus