पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का किया आह्वान

पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का किया आह्वान

पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का किया आह्वानइस्लामाबाद : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने आज तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का आह्वान किया। उधर सरकार देश में आतंकवाद की समस्या से निपटने के विकल्पों पर विचार कर रही है। हाल ही में पाकिस्तानी तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद कर परेशानियां मोल लेने वाले बिलावल ने कहा कि देश आतंकवादियों के साथ बातचीत के विकल्प से परेशान हो चुका है और अब सैन्य कार्रवाई की जरूरत है।

भुट्टो परिवार के 25 वर्षीय वारिस बिलावल ने कहा, वार्ता हमेशा एक विकल्प रहा है लेकिन हमें मजबूत स्थिति बनानी होगी। आप एक मजबूत स्थिति से किस प्रकार बात करेंगे ? आपको उन्हें युद्ध के मैदान में परास्त करना होगा। वे हमसे लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आतंकवादी समूहों द्वारा पेश की गयी चुनौतियों के खिलाफ उठ खड़े होने का समय है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब यहां इस बात की पुरजोर अटकलें लगायी जा रही हैं कि आतंकवादी समूहों , विशेषकर तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान की संभावना है।

पाकिस्तानी वायुसेना ने पिछले सप्ताह उत्तरी वजीरिस्तान में संदिग्ध आतंकवादी ठिकानों पर बमबारी की थी जो तालिबान और अल कायदा तत्वों का गढ़ माना जाता है। वायुसेना के इन हमलों ने बहुत लोगों को हैरत में डाल दिया था।

पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि हम विफल हो रहे हैं क्योंकि देश की बुलंद आवाजें एक के बाद एक दम तोड़ रही हैं। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि यदि हम एकजुट होकर काम करते हैं तो तालिबान हमें चुनौती नहीं दे सकेंगे। बिलावल ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि 2007 में उनकी मां की हत्या के बाद देश जागेगा लेकिन राजनेताओं ने उनके परिवार द्वारा बनाए गए आम सहमति के माहौल को समाप्त कर दिया क्योंकि इनमें से कुछ का मानना था कि अमेरिका को उनके लिए तालिबान से लड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वार्ता को लेकर देश में आम राय नहीं है और जो भी आम राय पहले बनी थी उसे राजनेताओं ने यह कहकर बर्बाद कर दिया कि यह पाकिस्तान की नहीं अमेरिका की लड़ाई है। बिलावल ने कहा कि वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी में और अधिक जिम्मेदारी उठाना चाहते हैं जिसे पिछले चुनाव में करारी हार मिली थी।

उन्होंने कहा, `मैंने कभी खुद को राजनीति में नहीं देखा।’ ‘लेकिन अब, जब मैं अपने देश में हूं और देश की हालत देखता हूं तो महसूस करता हूं कि मैं अपनी भूमिका निभाउ... कोई भी भूमिका जिससे मैं अपने देश को शांतिपूर्ण, समृद्ध और तरक्कीपसंद देश बना सकूं जिसका मेरी मां ने सपना देखा था और जिसके लिए लड़ते हुए मेरी मां ने अपनी जान दी।’(एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 28, 2014, 18:05

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