पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्मों की रिकॉर्ड कमाई

पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्मों की रिकॉर्ड कमाई

लाहौर : पूरे पाकिस्तान में एक ओर जहां बॉलीवुड की फिल्में मनोरंजन की चाहत रखने वालों और सिनेमा घर मालिकों के चेहरे पर मुस्कान ला रही हैं वहीं दूसरी ओर स्थानीय निर्माता-निर्देशक उनके आयात पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं। चार दशक के प्रतिबंध के बाद पिछले वर्ष पाकिस्तान में बॉलीवुड की 16 फिल्में रिलीज की गईं। पाकिस्तान में भी लोगों को आमिर खान अभिनीत ‘धूम 3’ खूब रास आई। आलम यह है कि फिल्म अभी भी लोगों को सिनेमा घरों तक खींच रही है।

दो मशहूर सिनेमा घरों के मालिक रमजान शेख ने बताया, ‘भारतीय फिल्मों के कारण ही लाहौर में नए सिनेमा घरों का निर्माण हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं भी शहर में एक और सिनेमा हॉल बनाने वाला हूं। मेरे दोनों सिनेमा घरों में ‘धूम 3’ चार शो में चल रही है और सभी हाउसफुल रहे। लोग अभी भी उसे देखने का प्रयास कर रहे हैं।’

पाकिस्तान में 56 स्क्रीन पर रिलीज की गई ‘धूम 3’ की पहले दिन की कमाई दो करोड़ रुपए की थी जिसकी कमाई पाकिस्तानी रिकार्ड सेटिंग फिल्म ‘वार’ के मुकाबले कहीं ज्यादा है। ‘वार’ की कुल कमाई 1.14 करोड़ रुपए रही। पाकिस्तानी बॉक्स-अफिस पर ‘राम-लीला’, ‘आशिकी 2’ और ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ ने भी अच्छा व्यवसाय किया।

हालांकि भारतीय सिनेमा के आलोचकों ने इनके प्रदर्शन का विरोध किया और इनपर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत पहुंच गए हैं। बॉलीवुड की फिल्मों के खिलाफ लंबे समय से अभियान चला रहे फिल्म निर्माता सैयद नूर का दावा है, ‘कुछ लोग अपने निजी हितों के कारण हमारे उद्योग को बढ़ने नहीं देना चाहते। अरबों के बजट वाले भारतीय सिनेमा के सामने हमारी फिल्में कहीं नहीं टिकेंगी।’

उन्होंने कहा, ‘मैं भारतीय सिनेमा का विरोधी नहीं हूं। लेकिन एक देशभक्त पाकिस्तानी होने के नाते मैं राष्ट्रीय सिनेमा को बचाने का प्रयास कर रहा हूं।’ नूर ने कहा कि पाकिस्तानी फिल्म निर्माताओं और वितरकों के बीच सहमति पत्र पर हुए हस्ताक्षर के अनुसार उन्हें पाकिस्तानी फिल्मों का एक तय कोटा स्क्रीन करना ही होगा।

नूर की इस शिकायत की जड़ें 2006 में परवेज मुशर्रफ सरकार द्वारा बॉलीवुड फिल्मों के आयात की अनुमति देने से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद 1965 से ही बॉलीवुड फिल्मों के आयात पर रोक थी। हालांकि इस रोक के बावजूद लोग केबल नेटवर्क, डीवीडी और निजी स्क्रिनिंग के जरिए बड़ी संख्या में इन फिल्मों को देखते थे। (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 26, 2014, 20:26

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