Last Updated: Tuesday, February 4, 2014, 18:35

लंदन : ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को निकालने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की योजना बनाने में अपने देश की कथित संलिप्तता के बारे में आज यहां की संसद को जानकारी देने वाले हैं। हालांकि, ब्रिटेन के सिख संगठन सरकार द्वारा की जा रही जांच की आलोचना कर रहे हैं। इस ‘ऑपरेशन’ की योजना बनाने में मदद करने में तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की कितनी भूमिका थी, इस बारे में हेग सांसदों को जानकारी देंगे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने गोपनीय दस्तावेजों को ‘30 साल बाद सार्वजनिक किए जाने के नियम’ के तहत इस घटना से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक होने के बाद जांच के आदेश दिये हैं। दस्तावेज में कहा गया है कि एलिट स्पेशल एयर सर्विस के एक अधिकारी ने दिल्ली की यात्रा की थी और फरवरी 1984 में आतंकवादियों को निकालने की योजना तैयार करने में भारत सरकार को सलाह दी थी।
ब्रिटेन के सिख संगठनों ने ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन की कथित भूमिका की जांच की गुंजाइश की आलोचना की है। कैमरन को लिखे एक पत्र में सिख फेडरेशन यूके के अध्यक्ष भाई अमरीक सिंह ने कहा है कि हम इस बात को लेकर निराश हैं कि समीक्षा की घोषणा किए जाने के तीन हफ्ते बाद और समीक्षा के नतीजों की घोषणा संसद में होने से महज कुछ दिन पहले समीक्षा की शर्तों को औपचारिक तौर पर उपलब्ध कराया गया। पत्र में कहा गया है..ऐसा लगता है कि समीक्षा में काफी कम अवधि पर गौर किया गया और 1984 की दूसरी छमाही की अवधि को इसमें शामिल नहीं किया गया तथा पिछले तीन हफ्तों में ब्रिटेन के कुछ नेताओं द्वारा जताई गई चिंताओं पर गौर नहीं किया गया, जैसे कि प्रवासी सिखों से सहानुभूति को लेकर ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका के खिलाफ भारत द्वारा प्रतिबंध की धमकी दिया जाना।
लंदन के राष्ट्रीय अभिलेखागार से दो पत्र सार्वजनिक किए गए हैं, दोनों अति गोपनीय और निजी दस्तावेज की श्रेणी में रखे गए थे। एसएएस द्वारा भारतीय अधिकारियों को दी गई सलाह के ब्योरे का इससे खुलासा हुआ है। एक दस्तावेज वह पत्र है जिसे तत्कालीन विदेश मंत्री जीयोफ्री होव के निजी सचिव ने ‘होम ऑफिस’ में अपने समकक्ष पदाधिकारी को लिखा है। इसमें चेतावनी दी गई है कि ऑपरेशन से ब्रिटेन में रह रहे भारतीय समुदाय में तनाव फैल सकता है, खासतौर पर उस वक्त, जब एसएएस की संलिप्तता सार्वजनिक हो जाएगी।
बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि इन दस्तावेजों में जिक्र की गई योजना का इस्तेमाल भारत सरकार ने किया या नहीं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के कुछ महीने बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने संभवत: बदले की भावना से हमला कर हत्या कर दी थी। ब्रिटेन के लोग इस योजना के बारे में कितना जानते हैं और 30 साल पहले हुई इस घटना के लिए कितनी मदद की गई, इस मुद्दे पर विवाद से कंजरवेटिव पार्टी द्वारा सिख मतदाताओं को अपनी ओर आकषिर्त करने की कोशिशों पर पानी फिर सकता है। ब्रिटिश सिख लंदन और लीस्टर सीट पर चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इससे पहले, 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘जैसे ही प्रधानमंत्री इन दस्तावेजों से वाकिफ हुए, उन्होंने कैबिनेट सचिव को यह जिम्मेदारी सौंपी कि वह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन की भारत सरकार की योजना पर ब्रिटेन द्वारा दी गई सलाह के बारे में तथ्यों की छानबीन करें।’’ लेबर पार्टी के सदस्य टॉम वाटसन ने दस्तावेजों के सामने आने के बाद जांच की मांग की थी। उन्होंने पिछले महीने हेग को लिखे एक पत्र में कहा था, ‘‘संसद को यह जानने का हक है कि सेना के लोग कहां तैनात किए गए थे और इस मामले से जुड़े तथ्यों का पूरी तरह से खुलासा किया जाना चाहिए।’’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 4, 2014, 18:33