Last Updated: Saturday, May 24, 2014, 11:02
वॉशिंगटन : भारत के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी राजनीतिज्ञ ने अमेरिका के साथ मजबूत रिश्तों का आह्वान किया है। यह आह्वान उन्होंने इन अटकलों के संदर्भ में किया कि मोदी शायद अपने साथ हुए सलूक को भूल न पाएं।
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने वाली मोदी की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 1998 में सत्ता में आने से पहले हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा को लेकर कई आशंकाएं थीं। लेकिन 1998 से 2004 के बीच प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में भाजपा की सरकार सत्ता में रही और यह दौर भारत-अमेरिका संबंधों का स्वर्णिम दौर था। इसलिए हम साबित कर चुके हैं कि हम रिश्तों को नयी उंचाई तक ले जाने में सक्षम हैं। त्रिवेदी फोन पर वाशिंगटन में एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कहा था कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों को विश्व की दशा दिशा तय करने में मदद करनी चाहिए। यह संदर्भ देते हुए त्रिवेदी ने कहा मैं मानता हूं कि इस सपने को सच करने का वास्तविक समय आ गया है।
गुजरात में वर्ष 2002 में दंगे हुए थे। इसके बाद 2005 में मोदी को मानवाधिकारों के आधार पर अमेरिकी वीजा देने से मना कर दिया गया था। एक भारतीय अमेरिकी समूह ‘‘यूएस इंडिया पॉलिटिकल एक्शन कमेटी’’ को संबोधित कर रहे त्रिवेदी ने वीजा मुद्दा नहीं उठाया। बहरहाल, उन्होंने कहा कि भाजपा को दक्षिणपंथी रूढ़िवादी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 24, 2014, 11:02