चार्ल्‍स शोभराज का दावा-तालिबान के लिए बतौर हथियार दलाल किया था काम

चार्ल्‍स शोभराज का दावा-तालिबान के लिए बतौर हथियार दलाल किया था काम

चार्ल्‍स शोभराज का दावा-तालिबान के लिए बतौर हथियार दलाल किया था कामनई दिल्ली : भारत और अन्य देशों की जेलों में अपना काफी समय काट चुके सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज ने दावा किया है कि तिहाड़ जेल में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के साथ दोस्ती होने के बाद उसने बतौर हथियार दलाल तालिबान के लिए काम किया था तथा वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से भी जुड़ा रहा।

वर्ष 2003 से काठमांडो की केंद्रीय जेल में बंद 70 वर्षीय शोभराज ने कहा कि तालिबान को हथियार खरीदने के लिए हेरोइन बेचने की जरूरत थी और उसने अपने संपर्कों के माध्यम से उसकी मदद की।

तिहाड़ जेल में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए उसने कहा कि अजहर के संपर्क में आने के बाद वह बतौर हथियार दलाल तालिबान के लिए काम करने लगा। अजहर पर आरोप है कि वह संसद पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। दिसंबर, 1999 में जब इंडियन एयरलाइंस के विमान को काठमांडो से अपहरण कर कांधार ले जाया गया था तब उसके यात्रियों को मुक्त कराने के लिए अजहर और दो अन्य आतंकवादी रिहा किए गए थे। रिहाई के बाद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद बनाया था। शोभराज ने बताया कि तालिबान को हथियार खरीदने के लिए हेरोइन बेचने की जरूरत थी और उसका कुछ चीनी अपराधियों के साथ संपर्क था, उसने तो नेपाल में एक सौदे के लिए भेंट में तालिबान का प्रतिनिधित्व करने की भी पेशकश की थी।

काठमांडो जेल से एक ब्रिटिश पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में उसने कहा कि लेकिन मैं सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के लिए भी काम कर रहा था। उसने बताया कि उसका लक्ष्य तो दोनों ही पक्षों को धोखा देना था और उसने सीआईए को आतंकवादी संगठन एवं अपराधी संगठन के बीच मादक पदार्थ तस्करी और हथियार सौदे ध्वस्त कराने में मदद की थी। शोभराज ने कहा कि मैंने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में अपना जीवन दांव पर लगा दिया। उसने कहा कि उसे तब गिरफ्तार किया गया जब सीआईए ने उससे पल्ला झाड़ लिया। उसने कहा कि वह मेरी मदद नहीं कर पाए क्योंकि मैं अंडरकवर था।

धोखा और छल करने के अपने कौशल के चलते ‘दि बिकनी किलर’ और ‘दि सर्पेंट’ नाम से चर्चित शोभराज ने यहां तक दावा किया कि 2003 के इराक युद्ध से पहले लाल पारा खरीदने के लिए सद्दाम हुसैन शासन के एक एजेंट ने उससे संपर्क किया था। लाल पारा का कथित रूप से परमाणु हथियार बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। शोभराज ने 1986 में अपने जन्म दिन के बहाने सुरक्षा गार्डों को मिठाई में मादक पदार्थ मिलाकर बेहाश कर दिया और वह तिहाड़ जेल से भाग गया था। उसे विभिन्न अपराधों के लिए 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 23, 2014, 15:07

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