Last Updated: Tuesday, May 6, 2014, 18:15

बीजिंग : भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से चीन एवं भारत समीप आ सकते हैं लेकिन उनकी जीत से अमेरिका एवं पश्चिमी ताकतें खिन्न हो सकती हैं। चीन के एक प्रतिष्ठित सरकारी दैनिक में मंगलवार को छपे आलेख में यह बात कही गई है।
सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक प्रकाशन ‘‘ग्लोबल टाइम्स’’ में छपे एक आलेख के अनुसार, ‘‘मोदी एक समय व्यावहारिक व्यवसायी थे। उन्होंने राजनीति में आने के बाद चीन के साथ अच्छे संबंध कायम किये हैं।’’ आलेख में कहा गया, ‘‘बड़ी संख्या में चीनी उद्यमियों ने गुजरात में निवेश किया है जिससे राज्य के आर्थिक विकास में योगदान दिया गया। लिहाजा मोदी के नेतृत्व में चीन एवं भारत के बीच रिश्तों में नजदीकी आ सकती है।’’
यह आलेख सरकार द्वारा संचालित शंघाई अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के सामरिक विश्लेषक लियु जोगयी ने लिखा है। इसमें कहा गया कि मोदी की विजय अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों के लिए रुचिकर नहीं होगी। अमेरिका ने 2002 में उनकी कथित भूमिका को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।
अरूणाचल प्रदेश में प्रचार के दौरान सीमा मुद्दे को लेकर मोदी द्वारा चीन के खिलाफ की गयी टिप्पणी का सीधे उल्लेख किये बिना आलेख में कहा गया कि पश्चिमी मीडिया का एक वर्ग और पर्यवेक्षक उनकी टिप्पणी को जानबूझ कर तूल दे रहे हैं ताकि चीन एवं भारत के बीच रिश्तों में खटास आ सके। मोदी ने कहा था कि चीन को अपनी ‘‘विस्तारवादी नीति’’ त्याग देनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 6, 2014, 18:15