Last Updated: Monday, May 12, 2014, 14:47
बीजिंग: चीन का मानना है कि इस साल आयोजित किया जाने वाला ‘ग्लिंप्सिस आफ इंडिया ’उत्सव भारत की मंत्रमुग्ध करने वाली और रहस्यों से भरी सांस्कृतिक विरासत को चीनी लोगों के लिए पेश करेगा और इसके साथ ही उनकी इससे सीखने और इसे अपनाने की जिज्ञासा को भी शांत करेगा।
कल रात चीन के सहायक विदेश मंत्री लियु जियानचाओ ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि सदियों से भारतीय और चीनी सभ्यताएं एक दूसरे से सीखती रही हैं और दोनों ने साथ मिलकर कई कीर्तिमान भी बनाए हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन चेन्नई के एक मशहूर नृत्य संस्थान ‘कलाक्षेत्र’ के कलाकारों की नृत्य प्रस्तुति के साथ हुआ।
लियु ने कहा, ‘आज भी चीन के लोग भारत की रहस्य से भरी संस्कृति से मंत्रमुग्ध हैं और भारतीय स5यता के ताने बाने में व्याप्त ज्ञान को सीखना और अपनाना चाहते हैं।’ उत्सव को देखने के लिए पॉली थिएटर में 1,600 लोग जमा थे जिनमें से अधिकतर चीनी मूल के थे।
इस साल चीन के 12 शहरों में विभिन्न चरणों में आयोजित होने वाले इस उत्सव के बारे में बताते हुए लियु ने कहा, ‘भारत की झांकी चीन के लोगों को भारत और उसकी संस्कृति के बारे में जानने और समझने का एक अवसर प्रदान करेगी ।’ भारत के राजदूत अहोक के. कांथा ने कहा कि यह उत्सव भारत की दृश्यकलाओं और आधुनिक कलाओं को दर्शाने के साथ साथ दोनों देशों के बीच बने बुद्धदर्शन के सेतु , वहां के खान-पान ओैर फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा भारतीय और चीनी विद्वानों और लेखकों के बीच संवाद का माध्यम बनेगा जो उन्हें एक दूसरे के नजदीक लाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 12, 2014, 14:47