Last Updated: Thursday, November 14, 2013, 13:24
वाशिंगटन : मानवाधिकार मामलों से जुड़े एक प्रतिष्ठित समूह ने कहा है कि राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) में भाग ले रहे नेताओं को मेजबान देश श्रीलंका पर मानवाधिकार मामलों में उसके इतिहास को लेकर दबाव बनाना चाहिए और उससे जवाबदेही की मांग करनी चाहिए।
ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) के एशियाई मामलों के निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा, ‘दुनिया यह देखेगी कि क्या राष्ट्रमंडल देशों के नेता शोषण का शिकार हुए लोगों के लिए बोलेंगे या सम्मेलन के मेजबान की ओर से चुप्पी साधे रहेंगे।’ एडम्स ने कहा, ‘यदि राष्ट्रमंडल श्रीलंका पर उसके अधिकारों संबंधी इतिहास और युद्ध के दौरान हुए अत्याचारों के लिए जवाबदेही की कमी को लेकर सार्वजनिक तौर पर दबाव नहीं बनाता है तो अंतरराष्ट्रीय फोरम के रूप में उसकी विश्वसनीयता पर खतरा पैदा हो जाएगा।’
एचआरडब्ल्यू ने बयान में कहा कि राष्ट्रमंडल सदस्यों को श्रीलंका में 2009 में समाप्त हुए गृह युद्ध के दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की मांग का समर्थन करना चाहिए। चोगम बैठक 15 से 17 नवंबर तक कोलंबो में आयोजित हो रही है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 14, 2013, 13:24