चोगम समिट : राजपक्षे ने कहा, श्रीलंका के पास छुपाने को कुछ नहीं

चोगम समिट : राजपक्षे ने कहा, श्रीलंका के पास छुपाने को कुछ नहीं

चोगम समिट : राजपक्षे ने कहा, श्रीलंका के पास छुपाने को कुछ नहींकोलंबो : राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के एक संवाददाता सम्मेलन में आज लिट्टे के खिलाफ युद्ध के दौरान तमिल नागरिकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप प्रमुखता से छाए रहे। राष्ट्रपति ने इन आरोपों का कड़ाई से बचाव करते हुए कहा कि उनके पास ‘छुपाने को कुछ नहीं’ है।

आज सुबह करीब 30 मिनट के संवाददाता सम्मेलन में राजपक्षे ने तमिलों और विशेषकर इस समुदाय को एक संदेश भी भेजा कि वह उनके साथ मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने तमिल समुदाय को वार्ता का न्यौता भी दिया। उन्होंने यह वादा भी किया कि जो भी प्रताड़ना और मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम बेहद खुले रूप में हैं। हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है।’ उन्होंने कहा कि एक कानूनी व्यवस्था है, मानवाधिकार आयोग और लेसन लर्न्ट एंड रिहेबलिटेशन कमीशन (एलएलआरसी) है जहां लोग युद्ध के दौरान प्रताड़ना, बलात्कार और हत्या की शिकायत कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्वारा श्रीलंका में तमिलों की हत्या और तमिल बहुल नार्दर्न प्रोविंस सरकार को उचित अधिकार देने में श्रीलंका सरकार के विफल रहने को लेकर विरोध जताए जाने के बाद इस सम्मेलन से दूर रहने का फैसला किया था। तमिलनाडु के राजनीतिक दलों का कहना था कि सिंह की मौजूदगी राजपक्षे के ‘अपराधों’ को सही ठहराएगी।

श्रीलंका के खराब मानवाधिकार रिकार्ड को देखते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर और मारिशस के प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम ने भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया। ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की राष्ट्रप्रमुखों की राय से असहमति जताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति मौजूद रहने पर ही अपने सख्त विचार जता सकता है।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने शिखर बैठक में भारतीय भागीदारी के स्तर पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘मैं संतुष्ट हूं।’ उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की मौजूदगी से संतुष्ट हैं। जब एक भारतीय पत्रकार ने इस बात की ओर उनका ध्यान दिलाया कि भारतीय प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए सम्मेलन में नहीं आने का फैसला किया तो राजपक्षे ने पलट कर कहा, ‘लेकिन उन्होंने (मनमोहन सिंह) मुझसे यह नहीं कहा।’

वह परोक्ष रूप से सिंह के उस पत्र का हवाला दे रहे थे जिसमें सिंह ने कांग्रेस कोर ग्रुप के उनके कोलंबो जाने के खिलाफ फैसला किए जाने के बाद शिखर बैठक में भाग लेने में असमर्थता जाहिर करते हुए पत्र लिखा था। एक अन्य सवाल के जवाब में राजपक्षे ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने आस्ट्रेलिया के पर्थ में हुए पिछले शिखर सम्मेलन में भी भाग नहीं लिया था। उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री (खुर्शीद) यहां हैं और मैं इससे संतुष्ट हूं।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 14, 2013, 21:03

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