Last Updated: Tuesday, February 4, 2014, 18:24
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज कहा कि वह भारत के साथ रचनात्मक, स्थायी और परिणामोन्मुखी बातचीत करने को प्रतिबद्ध हैं क्योंकि उनकी इच्छा सहयोगात्मक और अच्छे पड़ोसी वाला रिश्ता कायम करने की है। शरीफ ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में लोगों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। पिछले साल पदभार संभालने के बाद से शरीफ भारत के साथ बेहतर रिश्ते के पक्ष में निरंतर बोलते रहे हैं। नियंत्रण रेखा पर सात भारतीय सैनिकों की हत्या और पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी के कारण दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया।
कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को पाकिस्तान के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए शरीफ ने कहा कि पड़ोस में शांति, स्थिरता और समृद्धि के बगैर आंतरिक शांति एवं आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को एक जटिल मुद्दा मानते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे इसमें कोई भ्रम नहीं है कि यह एक जटिल मुद्दा है। यह किसी एक पक्ष अथवा एक संस्था द्वारा नहीं हो सकता। सभी राजनीतिक दलों और सरकारी संस्थाओं को सद्भाव बनाये रखना होगा और एक साथ खड़ा होना होगा।’
शरीफ ने अफगानिस्तान को महत्वपूर्ण पड़ोसी करार देते हुए कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति (हामिद) करजई को फिर से भरोसा दिलाया कि हम अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहते। एक शांतिपूर्ण, स्थिर और अखंड अफगानिस्तान पाकिस्तान के हित में है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आगे भी समग्र, अफगान नीत और अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली शांति एवं सुलह प्रक्रिया के प्रयासों में सहयोग देना जारी रखेगा।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास में सहयोग करना चाहिए। हमारा मानना है कि सहयोगपूर्ण रवैये से परस्पर विश्वास और भरोसा बढ़ेगा।’’ शरीफ ने कहा कि वह पाकिस्तान की आधुनिक और लोकतांत्रिक देश के रूप में पहचान को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर संविधान का सम्मान नहीं होगा और कानून व्यवस्था कायम नहीं रहेगी तो देश नहीं बच सकता। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 4, 2014, 18:24