Last Updated: Friday, November 15, 2013, 15:24

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने शुक्रवार को राष्ट्रमंडल के 53 सदस्य देशों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि इस समूह के देशों की सामूहिक समस्याओं को उनके देश के मानवाधिकार रिकार्ड से अधिक महत्व दिया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) का उद्घाटन राजपक्षे ने महारानी एलिजाबेथ के प्रतिनिधि युवराज प्रिंस चार्ल्स के साथ किया। महारानी एलिजाबेथ राष्ट्रमंडल की अध्यक्ष हैं।
श्रीलंका ने पिछले कुछ वर्षो में जिन चुनौतियों का सामना किया, राजपक्षे ने उन्हें याद किया और कहा कि आतंकवाद की समाप्ति एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके कारण विकास की गति बढ़ी और गरीबी का स्तर घटकर 7.5 प्रतिशत हो गया।
राजपक्षे ने राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को अलग-अलग रखने पर जोर दिया।
कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर और मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने श्रीलंका के मानवाधिकारों की स्थिति के मद्देनजर सम्मेलन में हिस्सा न लेने का फैसला किया है।
भारी घरेलू दबाव के कारण भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी 10 नवंबर को स्पष्ट कर दिया कि वह चोगम में हिस्सा नहीं लेंगे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि वह राजपक्षे से मुलाकात के दौरान मानवाधिकार के मुद्दों पर व्यापक चर्चा करने के साथ ही देश के युद्धग्रस्त रह चुके उत्तरी हिस्से की यात्रा भी करेंगे।
First Published: Friday, November 15, 2013, 15:24