Last Updated: Saturday, November 9, 2013, 19:55

माले : मालदीव में संवैधानिक संकट टालने के लिए राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना आरंभ हो गई।
चुनाव आयोग के प्रमुख फव्वाद तौफीक ने कहा कि बीते 7 सितम्बर के मुकाबले आज कम मतदान हुआ।
उन्होंने, ‘‘पिछली बार शुरू में ही लोग लंबी कतारों में देखे गए थे। परंतु इस बार हमें कतार लगने की जानकारी नहीं है। टीवी चैनलों के जरिए जानकारी मिली है कि मतदाताओं की संख्या पहले से कम है।’’
यहां आधिकारिक तौर पर मतदान स्थानीय समयानुसार दिन में 3.30 बजे संपन्न हो गया। कुल 2,39,105 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के योग्य थे, लेकिन मीडिया की खबरों के अनुसार मतदान का समय पूरा होने के बाद लोग कतार में देखे गए।
जरूरत पड़ने पर कल दूसरे चरण का मतदान होने की संभावना को लेकर असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई थी क्योंकि जम्हूरी पार्टी और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) ने अभी मतदाताओं की सूचियों का समर्थन नहीं किया था। बाद में इन दलों ने इस बात को खारिज कर दिया।
यदि कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त नहीं करता है तो सर्वाधिक मत पाने वाले और दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों के बीच कल मुकाबला होगा।
मालदीव में नया राष्ट्रपति चुनने का यह तीसरा प्रयास है। उच्चतम न्यायालय ने सात सितंबर को हुए चुनाव को मतदान सूची में अनियमितताओं का हवाला देते हुए अवैध घोषित कर दिया था। संवैधानिक संकट टालने के लिए 11 नवंबर तक नया राष्ट्रपति चुन लिया जाना जरूरी है।
उधर, चुनाव आयोग के सदस्य अली मोहम्मद माणिक ने समाचार पोर्टल ‘हावीरू’ से कहा कि जम्हूरी पार्टी ने अभी किसी भी सूची पर हस्ताक्षर नहीं किया है, जबकि पीपीएम ने उन्हें हस्ताक्षर करने से रोका। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के सामने प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के अब्दुल्ला यामीन और जम्हूरी पार्टी के कासिम इब्राहीम की चुनौती होगी।
यामीन और कासिम सात सितंबर को हुए मतदान में भी चुनावी मैदान में थे लेकिन वे क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे थे।
नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने मतदान के बाद बयान जारी कर कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण में शांतिपूर्ण और धर्य के साथ मतदान करने के लिए मालदीव की जनता को बधाई देते हैं। मालदीव के लोगों ने एक बार फिर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।’’ स्वतंत्र निर्वाचन समूह ट्रांसपेरेंसी मालदीव ने सहज मतदान के लिए चुनाव आयोग की प्रशंसा की है।
मालदीव में राजनीतिक हालात उस समय से अस्थिर हैं जब लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पहले राष्ट्रपति नशीद को दबाव में फरवरी 2012 में इस्तीफा देना पड़ा था।
हालात उस समय और बिगड़ गए थे जब उच्चतम न्यायालय ने दूसरे चुनावों को अमान्य घोषित कर दिया था जिसमें नशीद ने पहला चरण 45 प्रतिशत मतों से जीता था। मालदीव में पहली बार बहु दलीय स्वतंत्र चुनाव 2008 में हुए थे जिसमें नशीद ने जीत दर्ज की थी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 9, 2013, 19:55