Last Updated: Sunday, November 17, 2013, 17:27

कोलंबो : मानवाधिकार के उल्लंघन के आरोपों के मामले में अपने रुख पर अडिग श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा है कि दूसरे देशों को श्रीलंका पर ‘हुक्म नहीं चलाना’ चाहिए।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन द्वारा मानवाधिकार के उल्लंघन के मामलों की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच को अल्टीमेटम दिए जाने के एक दिन बाद राजपक्षे ने आज कहा कि श्रीलंका को सुलह के लिए समय की जरूरत है और इसको लेकर समयसीमा नहीं निर्धारित की जा सकती।
उन्होंने राष्ट्रामंडल राष्ट्राध्यक्षों की शिखर बैठक (चोगम) के समापन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे यहां कानूनी व्यवस्था और संविधान है। हमारे यहां प्रक्रिया है जो शुरू की जा चुकी है। इसमें समय लगेगा। हमें न सिर्फ उत्तर बल्कि दक्षिण श्रीलंका के लोगों की सोच में बदलाव करना होगा।’’
राजपक्षे ने कहा, ‘‘30 वर्षों तक संघर्ष चला है। न सिर्फ तमिल, सिंहली और मुस्लिम को पीड़ा झेलनी पड़ी है। उनकी देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है। परंतु आप यह नहीं कह सकते कि यह एक सप्ताह या तीन अथवा चार सप्ताह में करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको हमारे विचारों का सम्मान करना होगा। हमारे साथ निष्पक्ष रहिए। किसी को हुक्म नहीं चलाना चाहिए। आपको समुदायों को बांटने का प्रयास नहीं करना चाहिए।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 17, 2013, 17:27