Last Updated: Monday, October 14, 2013, 16:56

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भ्रष्टाचार के पांच मामलों को लेकर एक स्थानीय अदालत ने 29 अक्तूबर को हाजिर होने के लिए सम्मन किया है।
जरदारी (58) अदालत के पहले के आदेश के मुताबिक जवाब दाखिल करने में नाकाम रहे जिसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया।
अदालत की ओर से पहले जारी नोटिसों के बावजूद जरदारी के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के अधिकारी आज की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए।
उधर, ब्यूरो के नवनियुक्त प्रमुख कमर जमां चौधरी ने अदालत में अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर अदालत की ओर से जारी नोटिस पर संज्ञान लिया और निर्देश दिया कि अदालती आदेश का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ब्यूरो के वकील को आदेश दिया कि वह सुनवाई के मौके पर अदालत में उपस्थित हों।
अदालत को यह भी सूचित किया कि जरदारी ने पहले के आदेश का पालन नहीं किया है। इसके बाद अदालत ने उन्हें 29 अक्तूबर को हाजिर होने के लिए सम्मन जारी किया।
पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश बशीर अहमद ने पूर्व राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच मामलों को फिर से खोलने का आदेश दिया। समाचार एजेंसी ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार जुलाई, 2011 में जवाबदेही अदालत ने 13 साल पुराने रिश्वतखोरी के मामले में जरदारी को छोड़कर दूसरे सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था। इस मामले को आमतौर पर एसजीएस मामले के नाम से जाना जाता है।
यह मामला 1997 में दायर हुआ था। इसमें आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और उनके पति जरदारी ने पाकिस्तान और एसजीएस के बीच अनुबंध के लिए रिश्वत ली।
बेनजीर और उनकी मां नुसरत भुट्टो की मौत के बाद उनसे आरोपों को हटा लिया गया। मामले में छह विदेशियों को भगोड़ा घोषित किया गया। जरदारी पर भ्रष्टाचार के दूसरे मामले भी हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 14, 2013, 16:56