मिस्र के राष्ट्रपति चुनाव में अब्देल फतेह अल सिसी को बड़ी जीत

मिस्र के राष्ट्रपति चुनाव में अब्देल फतेह अल सिसी को बड़ी जीत

मिस्र के राष्ट्रपति चुनाव में अब्देल फतेह अल सिसी को बड़ी जीतकाहिरा : पिछले साल मिस्र के इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को अपदस्थ करने वाले अवकाश प्राप्त फील्ड मार्शल अब्देल फतह अल सिसी को बड़ी जीत मिली है। ज्यादातर मतों की गिनती हो चुकी है और अब तक उनके खाते में 96.2 प्रतिशत मत आ चुके हैं।

सरकारी टीवी ने आज खबर दी कि 352 में से 312 मतगणना केंद्रों पर हुई मतों की गिनती के अनुसार पूर्व सेना प्रमुख सिसी (59) ने करीब दो करोड़ 10 लाख मतों में से 96.2 प्रतिशत मत हासिल किए हैं। उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी वामपंथी राजनेता हमदीन सबाही को 3.8 प्रतिशत मत मिले, जबकि 4.2 प्रतिशत मतों को अवैध घोषित कर दिया गया।

सरकार द्वारा चुनाव की अवधि तीसरे दिन तक विस्तारित किए जाने के बावजूद मतदान प्रतिशत 44.4 प्रतिशत रहा। यह वर्ष 2012 के मतदान प्रतिशत के मुकाबले कम है। गत जुलाई में मिस्र के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के बाद सिसी ने मुर्सी का तख्ता पलट दिया था।

मुर्सी के सत्ता से जाने के बाद 1,400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और अधिकारियों ने मुस्लिम ब्रदरहुड के हजारों लोगों को बंदी बनाया है। सिसी के समर्थकों ने परिणाम आने की शुरूआत होने के बाद जश्न मनाना शुरू कर दिया। उन्होंने मिस्र के झंडे लहराए, राजधानी की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर कारों के हॉर्न बजाए और पटाखे फोड़े।

अल जजीरा ने खबर दी है कि करीब 1,000 लोग तहरीर चौक पर एकत्र हुए, जो वर्ष 2011 में लंबे समय तक चले तानाशाह हुस्नी मुबारक के शासन के खात्मे के लिए चले आंदोलन का प्रतीकात्मक केंद्र है। इन लोगों ने सेना के प्रभाव से मुक्त लोकतंत्र की उम्मीद जताई।

सिसी ने वायदा किया है कि यदि चीजें उनकी योजना के अनुसार चलीं तो वह देश की स्थिति को दो साल के भीतर सुधार देंगे, लेकिन कहा कि यदि उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए तो वह सत्ता छोड़ देंगे। वह मिस्र के उन लोगों के बीच लोकप्रिय हैं जिन्होंने मुर्सी को कुर्सी से हटाने में सेना के फैसले का समर्थन किया था। उनके समर्थक उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में देखते हैं, लेकिन इस्लामी विपक्ष उनकी आलोचना करता है। विरोधी उन्हें निर्वाचित नेता के तख्तापलट का मास्टरमाइंड मानते हैं।

मिस्र तीन साल से राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा है जिसमें व्यापक विरोध प्रदर्शनों के चलते दो राष्ट्रपतियों को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। इस्लामी प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई और उग्रवादी हमलों की झड़ी ने देश की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 29, 2014, 17:09

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