थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शन में 5 मरे, पुलिस परिसर से भागी पीएम यिंगलक शिनवात्रा

थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शन में 5 मरे, पुलिस परिसर से भागी पीएम यिंगलक शिनवात्रा

थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शन में 5 मरे, पुलिस परिसर से भागी पीएम यिंगलक शिनवात्राबैंकाक : थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के हिंसक रूप अख्तियार करने से कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई है। प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा को अपदस्थ करने के लिए प्रदर्शनकारी ‘जन तख्तापलट’ में लग गए हैं जिसके चलते उन्हें एक सुरक्षित पुलिस परिसर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अवरोधकों को तोड़ने और प्रधानमंत्री कार्यालय गवर्नमेंट हाउस की सुरक्षा के लिए लगाए गए कंटीले तारों को काटने की कोशिश कर रहे करीब 30,000 प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। ये लोग यिंगलक के सत्ता से हटने की मांग कर रहे हैं। वह 2011 में सत्ता में आई थी। हालांकि, सरकार ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया है कि वह देश छोड़ कर भाग गई हैं लेकिन उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

प्रदर्शनकारी नेता सुतेप ताउगसबन ने कल से आम हड़ताल का आह्वान किया है। अन्य नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से सरकारी कार्यालयों, छह टीवी स्टेशनों, पुलिस मुख्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय पर कब्जा करने की अपील की है। वे इसे जन तख्तापलट बता रहे हैं।

विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री सुतेप ने कहा कि आज एक अहम दिन है। हम सरकार के लिए अहम किसी भी स्थान पर जा सकते हैं और कल से उसे ठप कर सकते हैं क्योंकि कल से कोई भी कामकाज करने में सक्षम नहीं होगा।

प्रदर्शनकारियों ने महानगर पुलिस मुख्यालय के पास पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके। उनका अभियान एक हिंसक दौर में प्रवेश कर गया है जिससे बैंकाक के कई हिस्सों में कामकाज ठप हो गया। सरकार समर्थक और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों में झड़पें हुई जिसमें पांच लोग मारे गए तथा 54 से अधिक लोग घायल हो गए। उप पुलिस महाआयुक्त वीरापोंग चीवप्रीचा ने बताया कि रामखमहायेंग विश्वविद्यालय में झड़प में पांच लोग मारे गए जहां आज सुबह तक झड़पें होती रही।

सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कल सरकारी एजेंसियों पर धावा बोला और थाई पीबीएस टीवी स्टेशन को अपने नियंत्रण में ले लिया। प्रदर्शनकारियों का अन्य समूह गृहमंत्रालय में घुसने के लिए अवरोधकों को तोड़ने में कामयाब रहा।

प्रदर्शनकारियों ने रविवार को ‘विजय दिवस’ घोषित किया क्योंकि उन्हें यिंगलक को अपदस्थ करने के लिए अपने आंदोलन को तेज करने और थाई राजनीति पर उनके परिवार के एक दशक से अधिक समय के प्रभाव को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में सफलता मिली है।

उन्होंने यिंगलक पर अपने भगोड़े भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा के लिए काम करने का आरोप लगाया। थाकसिन को 2006 में अपदस्थ कर दिया गया था। राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता पिया उतायो ने बताया कि बृहस्पतिवार से प्रदर्शनकारियों के कब्जे वाले एक सरकारी परिसर और सोमवार से कब्जे में रखे गए वित्त मंत्रालय में सैनिकों को भेजा जा रहा है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 1, 2013, 20:26

comments powered by Disqus