Last Updated: Thursday, December 26, 2013, 18:33
बैंकॉक : थाईलैंड में आज सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 48 घायल हो गए। हिंसा को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने सरकार से आगामी मध्यावधि चुनाव की तिथि बढ़ाने के लिए कहा है।
थाई-जापानी स्टेडियम में भड़की हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मी नारोंग पितिसित (45) की मौत हो गई। इस स्टेडियम में राजनीतिक दल दो फरवरी को प्रस्तावित आम चुनाव के लिए पंजीकरण करवा रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।
एक माह से चल रहे प्रदर्शन अभियान के दौरान यह दूसरा ऐसा मौका है जब पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। पिछले कई वर्ष में यह सबसे बुरा राजनीतिक हिंसा का दौर है। चिकित्सा कर्मियों ने बताया कि हिंसा में मारे गए पुलिसकर्मी के सीने में गोली लगी थी। एरवान आपात केंद्र ने कहा कि हिंसा में 48 प्रदर्शनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
थाई निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने हिंसा के कारण चुनाव कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की अनुशंसा की है। विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने कहा कि वह चुनाव का बहिष्कार करेगी तो कार्यवाहक प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने इस बात पर जोर दिया है कि चुनाव तय कार्यक्रम के मुताबिक होंगे।
थाईलैंड में सेंटर फार एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ पीस एंड आर्डर (सीएपीओ) ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा आंसू गैस के उपयोग का बचाव किया। सीएपीओ का नेतृत्व करने वाले उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री सुरापांग तोवीचकचाईकुल ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से निपटने में संयम बरता। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को अपना विरोध प्रदर्शित करने का अधिकार है।
सरकार एवं पुलिस उनके गैर कानूनी कार्य को हमेशा सहन नहीं करते रह सकते क्योंकि देश में कानून है और हर किसी को उसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्थिति से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निपटा गया।
बहरहाल, नेशन आनलाइन ने खबर दी है कि पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल करने से पहले प्रदर्शनकारियों को मात्र एक बार चेतावनी दी थी। कई प्रदर्शनकारियों के पास गुलेल थी और उन्होंने विरोध स्वरूप पुलिस पर पत्थर चलाये।
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी मध्य अक्तूबर से ही मांग करते आ रहे हैं कि प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा पद त्याग दें। प्रदर्शन उस समय शुरू हुए जब यिंगलक की सरकार ने एक विवादास्पद छूट विधेयक पेश किया। इससे पूर्व प्रधानमंत्री थाकशिन शिनवात्रा के लौटने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। 2006 में हुए तख्तापलट में सत्ता से हटने में बाद वह फिलहाल स्व निर्वासन पर दुबई में हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 26, 2013, 18:33