जनरल शरीफ ने संभाला पाकिस्तान के नये सेना प्रमुख का कार्यभार

जनरल शरीफ ने संभाला पाकिस्तान के नये सेना प्रमुख का कार्यभार

जनरल शरीफ ने संभाला पाकिस्तान के नये सेना प्रमुख का कार्यभार इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सेना में करियर इंफेंट्री आफिसर जनरल राहील शरीफ ने आज निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से पाकिस्तानी सेना की कमान संभाल ली। जनरल कयानी पाकिस्तान की असैनिक सरकार में सबसे लंबे समय तक कार्यरत सेना प्रमुख रहे हैं। कयानी ने रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में 57 वर्षीय जनरल राहील शरीफ को कमान छड़ी सौंप दी।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जनरल शरीफ को गत बुधवार को देश का 15वां सेना प्रमुख चुना। पाकिस्तान में सेना सबसे

शक्तिशाली मानी जाती है जो देश के 66 वर्ष के इतिहास में आधे से अधिक समय तक सत्ता में रही। हिलाल ए इम्तियाज पुरस्कार से सम्मानित जनरल शरीफ मेजर शब्बीर शरीफ के छोटे भाई हैं जो कि भारत के साथ 1971 के युद्ध में मारे गए थे।

जनरल शरीफ को देश का सेना प्रमुख बनाने के लिए देश के वरिष्ठतम सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट हारून असलम की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया। असलम ने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली और कल त्यागपत्र दे दिया। शरीफ ने सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ऐसे समय संभाला है जब भारत के पास सीमा पर तनाव के साथ ही तालिबान आतंकवादियों के साथ संघर्ष बढ़ा हुआ है।

पाकिस्तानी विश्लेषक शरीफ को एक नरपंथी मानते हैं। वह देश में आतंकवादी खतरे को भारत के साथ सामरिक टकराव की तरह ही

महत्वपूर्ण मानते हैं। सैन्य मुख्यालय में प्रधान कर्मचारी अधिकारी के रूप में अपनी आखिरी तैनाती से पहले जनरल शरीफ ने वर्ष 2010 से 2012 तक गुजरावालां स्थित 30वीं कोर की कमान संभाली जो कि नियंत्रण रेखा और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।

सूत्रों ने बताया कि उन्हें भारत संबंधी मामलों का जानकार माना जाता है और उन्होंने भारतीय सेना के नये सिद्धांतों पर पाकिस्तान की

प्रतिक्रिया तय करने में एक प्रमुख भूमिका निभायी। यद्यपि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ ने भारत के साथ शांति पर जोर दिया है कि

यह इस पर निर्भर करेगा कि जनरल शरीफ वास्तव में क्या चाहते हैं। इस बीच सैनिक मुख्यालय में आयोजित इस समारोह के लिए

पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया था तथा सेना और पुलिसकर्मियों की भारी मात्रा में तैनाती की गई थी। इस कार्यक्रम में आमंत्रितों के

अलावा किसी अन्य को जाने की इजाजत नहीं थी।

इस समारोह में संघीय मंत्री, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, राजनयिक और वरिष्ठ कार्यरत और सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित थे। छह वर्ष तक सेना प्रमुख रहने वाले कयानी ने अपने संबोधन में कहा कि उनके लिए यह बहुत ही गौरव की बात है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना का नेतृत्व किया।जनरल कयानी ने कहा कि सेना प्रमुख रहते हुए उन्होंने कई तरह की चुनौतियों का सामना किया जिन पर सेना ने एक राष्ट्रीय संस्थान के तौर पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने कहा कि सेना ने कभी भी देश को निराश नहीं किया तथा सेना पूरी समर्पण से कार्य करती रहे उसके लिए जरूरी है कि उसे

देश का समर्थन मिलता रहे। जनरल कयानी ने देश में ‘मुश्किल समय’ के दौरान मारे गए लोगों के लिए अपना सम्मान जताया जिससे देश गुजर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 29, 2013, 14:49

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