Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 14:19

इस्लामाबाद : पूर्व पाकिस्तानी सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले पर सुनवाई एक जनवरी तक के लिए सोमवार को तब स्थगित कर दी गई जब विशेष अदालत तक आने वाले रास्ते पर विस्फोटक पाए जाने के बाद वह सुरक्षा कारणों के मद्देनजर अदालत में पेश नहीं हो सके।
मुशर्रफ के वकील मोहम्मद अली सैफ ने बताया कि सुनवाई 1 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही की शुरूआत होने पर मुशर्रफ के वकीलों के दल ने विशेष अदालत के गठन और अभियोजक की नियुक्ति पर एतराज जताया। उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षा खतरों के चलते अदालत नहीं आ सकते।
सैफ से जब पूछा गया कि क्या उनकी नई याचिका पर कोई फैसला किया गया तो उन्होंने कहा कि याचिका पर 1 जनवरी को चर्चा होगी। अदालत ने मंसूर से कहा कि वह अलग से एक याचिका दायर करें कि क्या 70 वर्षीय मुशर्रफ को सुरक्षा खतरा है। इसके बाद उन्होंने कार्यवाही रोक दी। अदालत ने 1 जनवरी की सुनवाई के लिए त्रुटिहीन सुरक्षा इंतजमात करने के भी आदेश दिए। विशेष अदालत ने 2007 में आपात काल लगाने के सिलसिले में राजद्रोह के आरोप का सामना करने के लिए मुशर्रफ को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया था।
इससे पहले, आज सुबह में 5 किलोग्राम वजन का एक बम और दो भरी हुई बंदूकें उस रास्ते से बरामद की गईं जिससे मुशर्रफ आने वाले थे। पाकिस्तानी रेंजर्स ने सुरक्षा जांच के दौरान बम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के पास से बरामद किया। टीवी फुटेज में दो काली पिस्तौल और एक बम दिखाया गया। बहरहाल, बम निष्क्रिय था। मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई नेशनल लाइब्रेरी में हो रही है जो अत्यंत सुरक्षा वाले क्षेत्र रेड जोन में स्थित है। इस जोन में प्रधानमंत्री निवास, सुप्रीम कोर्ट और डिप्लोमेटिक एन्क्लेव जैसे अहम प्रतिष्ठान हैं। राजद्रोह के मामले से निकलने की मुशर्रफ की कोशिश को कल उस समय एक बड़ा झटका लगा जब एक पाकिस्तानी अदालत ने उनके खिलाफ मामला चलाने के लिए गठित विशेष अदालत पर उनके एतराज कल रद्द कर दिए। यह पाकिस्तान के इतिहास में पहला मौका है जब कोई सैन्य तानाशाह राजद्रोह में किसी मुकदमे का सामना कर रहा है। उल्लेखनीय है कि दोषी ठहराए जाने पर मुशर्रफ को सजाए मौत या उम्रकैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 14:19