मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में भारी मतदान

मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में भारी मतदान

माले : कई महीनों की राजनैतिक अस्थिरता को खत्म करने के वैश्विक दबाव के बीच मालदीव के विवादित राष्ट्रपति चुनावों के दूसरे चरण में लोगों ने बड़ी संख्या में मतदान किया। इन चुनावों में सत्ता से हटाए गए मोहम्मद नशीद और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला यामीन के बीच कड़ा मुकाबला है। निर्वाचन आयोग के प्रमुख फव्वाद तौफीक ने कहा कि राष्ट्रपति चुनावों के आधिकारिक नतीजों की घोषणा कल की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक नतीजे मध्यरात्रि से पहले घोषित कर दिए जाएंगे।

संवैधानिक संकट के बीच एक नया राष्ट्रपति चुनने के लिए काफी देर से हुए इन चुनावों के दूसरे चरण का मतदान सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुआ। मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की कतारें देखी जा सकती थीं।

फव्वाद ने लोगों से लंबी कतारों के बावजूद धर्यवान बने रहने की अपील की। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि यदि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की शिकायत के लिए वे आयोग के शिकायत ब्यूरो का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पुलिस ने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर अब तक मतदान बाधाहीन रहा है। विभिन्न मतदान केंद्रों से 20 से ज्यादा ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने मतदान करने के बाद अपनी चुनावी पर्चियां प्रदर्शित कर दीं। ऐसा करना आपराधिक कृत्य है। पुलिस आयुक्त अब्दुल्ला रियाज ने कहा कि चुनावों में जीत किसी की भी हो, पुलिस सहज हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए अपना सहयोग देगी।

रियाज ने कहा, मैं चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी को पहले ही बधाई देता हूं। जो भी प्रत्याशी जीते, हम उसे पूरा सहयोग देंगे। फरवरी 2012 में नशीद को इस्तीफा देने के लिए विवश किए जाने के बाद से मालदीव में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल है। नशीद देश में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पहले राष्ट्रपति थे। वर्तमान चुनाव सितंबर के बाद से मालदीव का नया राष्ट्रपति चुनने का तीसरा प्रयास हैं।

पहले चुनाव 7 सितंबर को हुए थे, जिन्हें मतदाता सूची में गड़बड़ी के आधार पर उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। निर्वाचन आयोग ने 19 अक्तूबर को चुनाव करवाने का प्रयास किया, जिसे उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पुलिस ने रोक दिया था। 9 नवंबर को हुए महत्वपूर्ण पुनर्मतदान में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख नशीद को 46.4 प्रतिशत वोट मिले, जो कि 7 सितंबर को हुए चुनावों में उन्हें मिले वोटों (45.45 प्रतिशत) से कुछ प्रतिशत ज्यादा था।

प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स के नेता यामीन ने रद्द किए गए चुनावों से लगभग 5 प्रतिशत ज्यादा वोट लेते हुए कुल 30.3 प्रतिशत वोट हासिल किए। स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की ओर से 10 नवंबर के लिए घोषित चुनावों को उच्चतम न्यायालय ने आज तक के लिए स्थगित कर दिया था। मतदान करने के बाद यामीन ने कहा कि वे चुनाव के नतीजों को स्वीकार करेगे और उन्होंने 55 से 60 प्रतिशत वोटों के साथ जीत की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, मैं बहुत विश्वास के साथ वोट डालने आया हूं क्योंकि हमारा गठबंधन बहुत बड़ा है। एमडीपी के अलावा सभी अन्य राजनैतिक दल और नेता हमारे साथ हैं। यामीन के हवाले से समाचार पोर्टल हावीरू ने कहा, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव में ज्यादा अनियमितताएं नहीं होंगी। हम मतदान के नतीजों को स्वीकार करेंगे। नशीद ने भी अपना वोट डाला है। एक रैली में कल नशीद ने कहा, ईश्वर ने चाहा तो हम मालदीव में दोबारा लोगों की सरकार बनाएंगे। मालदीव के नागरिकों की उम्मीदें सच होंगी। हम नागरिकों की सरकार बनाएंगे। यह एक ऐसी सरकार होगी जो आप बनाएंगे।
फरवरी 2012 में दबाव में आकर नशीद के इस्तीफा दे देने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद ने कार्यभार संभाला था। बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव का सामना करते हुए वहीद ने कल पद त्यागते हुए देश छोड़ दिया। उन्होंने पहले कहा था कि वे 10 नवंबर को कार्यकाल खत्म होने के बाद भी तब तक बने रहेंगे, जब तक उनका कोई उत्तराधिकारी शपथ नहीं ले लेता।

बुधवार को मालदीव को राष्ट्रमंडल मंत्री कार्य समूह से निष्कासित कर दिया गया था। देश के राष्ट्रपति चुनावों को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय के बार-बार हस्तक्षेप के बाद राजनैतिक अव्यवस्था की जांच यह समूह कर रहा है।

एक बार नतीजों और दो बार चुनावों को खारिज किए जाने के बाद चुनाव में हो रही देर को विदेशी कूटनीतिज्ञ राजनैतिक रूप से प्रेरित मानते हैं। और आज के चुनावों के विफल रहने पर यूरोपीय संघ ने ‘उचित कार्रवाई’ की चेतावनी दी है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 16, 2013, 16:35

comments powered by Disqus