Last Updated: Monday, February 3, 2014, 20:49
इस्लामाबाद : पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान सरकार के साथ होने वाली शांति वार्ता के लिए तालिबान की ओर से प्रस्तावित समिति का हिस्सा नहीं बनेंगे। तहरीक-ए-इंसाफ ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की ओर से इमरान खान में भरोसा जताने की सराहना की और कहा कि बातचीत जल्द शुरू होनी चाहिए। इसके साथ ही पार्टी ने स्पष्ट किया कि इमरान बातचीत की इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे।
इमरान की पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अपने अध्यक्ष में जताए गए यकीन की सराहना करती है, लेकिन कोर कमेटी ने फैसला किया है कि वह टीटीपी द्वारा नामित पांच सदस्यों की समिति में शामिल नहीं हो सकते।’’ शांति वार्ता के लिए तालिबान और पाकिस्तान सरकार दोनों ने अलग अलग समितियों का गठन किया है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज बातचीत के जरिए आतंकवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता का संकेत दिया।
तहरीक-ए-इंसाफ ने सेना और तालिबान से समयबद्ध बातचीत के साथ संघर्ष विराम की मांग की थी। इमरान की पार्टी ने बातचीत के लिए तालिबान की ओर से 10 सदस्यीय समिति के गठन का स्वागत भी किया है। पार्टी ने खबर-पख्तूनख्वाह प्रांत की अपनी सरकार से कहा है कि वह इस बातचीत में अपने स्तर से मदद मुहैया कराए। टीटीपी ने अपनी समिति में कट्टरपंथी मौलवी सैमुल हक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान, लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल अजीज, जमात-ए-इस्लामी के नेता मुहम्मद इब्राहीम और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ के नेता किफायतुल्ला के नाम प्रस्तावित किए थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 3, 2014, 20:49