श्रीलंका के खिलाफ यूएन प्रस्ताव पर भारत ने नहीं किया वोट

श्रीलंका के खिलाफ यूएन प्रस्ताव पर भारत ने नहीं किया वोट

जिनीवा : एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के मुद्दे पर श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका की शह पर लाये गये एक प्रस्ताव पर पहली बार आज भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। संरा मानवाधिकार परिषद में इस प्रस्ताव को 12 के मुकाबले 23 मतों से पारित किया गया जबकि 12 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

स्थानीय संरा कार्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि दिलीप सिन्हा द्वारा मतदान के समय दिये गये बयान के अनुसार संरा मानवाधिकार परिषद का यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय जांच तंत्र का हस्तक्षेप करने वाला दृष्टिकोण थोपता है। भारत के अनुसार यह प्रस्ताव विपरीत नतीजे दिलाने वाला है तथा यह ‘असंगत एवं अव्यावहारिक’ है।

वर्ष 2009 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत ने ‘श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकार’ संबंधी प्रस्ताव के मतदान में हिस्सा नहीं लिया है। तीनों बार..2009, 2012 और 2013 में भारत ने प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया था। उन्होंने ध्यान दिलाया कि 2009, 2012 और 2013 के विपरीत यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त से श्रीलंका में मानवाधिकार की स्थिति की ‘जांच, आकलन एवं निगरानी’ के बारे में कहता है। यह एक हस्तक्षेप करने वाला रवैया है जिससे राष्ट्रीय समप्रभुता कमतर होती है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, March 27, 2014, 22:18

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