Last Updated: Wednesday, October 23, 2013, 19:44
न्यूयॉर्क : भारत वर्ष 1990 के बाद बाल मृत्यु दर को कम करने में सबसे अधिक प्रगति करने वाले शीर्ष दस देशों में शामिल है। ‘सेव द चिल्ड्रेन’ नामक संस्था के आज प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात कही गई है।
बाल मृत्यु दर पर आधारित संस्था की इस नयी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे गरीब देशों में शुमार नाइजर ने इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जबकि लाइबेरिया, रवांडा, इंडोनेशिया, मैडागास्कर, भारत, मिस्र, तंजानिया और मोजाम्बिक जैसे अन्य देशों का भी बीते दो दशकों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि पांच वर्ष से कम उम्र की बच्चों की मृत्यु दर कम करने में भारत ने लगातार प्रगति की है। वर्ष 2001 में यहां 25 लाख बच्चों की मौत हुई थी, जबकि वर्ष 2012 में यह घटकर 15 लाख हो गई।
हालांकि वर्ष 2012 में 81 जिले ऐसे थे, जहां बाल मृत्यु दर एक तिहाई से अधिक रही और इनमें से आधी बच्चियां थी। डायरिया, निमोनिया और अल्पपोषण की उच्च दर एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की वजह से ज्यादातर मौतें हुई हैं। बाल मृत्यु को रोकने के लिए विभिन्न देशों द्वारा उठाए गए कदम का मुल्यांकन करती इस रिपोर्ट में पाया गया कि हैती, पपुआ न्यू गिनी और भुमध्यरेखीय गिनी ने सबसे कम प्रगति की है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 23, 2013, 19:44