Last Updated: Sunday, October 20, 2013, 22:28
मॉस्को : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सोमवार को राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के साथ होने वाली बैठक के दौरान कुडनकुलम में दो नये परमाणु संयंत्र लगाने के समझौते को संभवत: झटका लग सकता है क्योंकि जवाबदेही कानून को लेकर कानूनी अड़चन उभरती दिख रही है।
प्रधानमंत्री आज दोपहर यहां पहुंचे और पांचवें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए उनकी भव्य अगवानी की गई। रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल बोगडानोव ने उनका स्वागत किया और फिर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली से प्रस्थान करते वक्त और न ही यहां पहुंचने पर कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र के लिए रूस के साथ परमाणु समझौते के बारे में चर्चा की।
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले में रूस के सहयोग से बनने वाली इकाई तीन और इकाई चार पर समझौते को मंजूरी मिलने से पहले दोनों पक्षों के वकीलों को इसकी विषयवस्तु स्पष्ट करनी होगी।
सिंह ने यहां पहुंचने पर संवाददाताओं से कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष सहयोग है और इसलिए 14वां शिखर सम्मेलन हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम विभिन्न क्षेत्रों जैसे परमाणु ऊर्जा, रक्षा सहयोग, अंतरिक्ष सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वाणिज्य एवं निवेश में अपने सहयोग और इसकी प्रगति की समीक्षा करने जा रहे हैं। साथ ही हम अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास की भी समीक्षा करेंगे कि किस तरीके से वे दोनों देशों पर प्रभाव डालते हैं और किस तरीके से हम दुनिया में शांति एवं समृद्धि के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।’’
शिखर सम्मेलन में भारत और रूस पांच समझौतों पर दस्तखत करने वाले हैं जिनमें सजायाफ्ता लोगों की अदला..बदली भी शामिल है ताकि दूसरे देश के सजायाफ्ता व्यक्ति के सामाजिक पुनर्वास की प्रक्रिया की जा सके और वे कुछ शर्तों के साथ अपने देश में सजा भुगत सकें। परमाणु समझौता पर सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘‘हम नजदीक (समझौते पर) हैं।
एक मुद्दे को छोड़कर बाकी का समाधान कर लिया गया है जिस पर अब दोनों देशों के वकील काम करेंगे। उन्हें विषय वस्तु को स्पष्ट करना है।’’ सूत्रों ने कहा कि ‘‘किसी भी स्थिति में’’ ‘‘दौरे के समय इस पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा क्योंकि यह एनपीसीआईएल और रोसाटोम के बीच व्यावसायिक समझौता है। वे इसे अलग से करेंगे।’’
रूस भारत के परमाणु जवाबदेही कानून के दायरे में आने वाली परियोजना के खिलाफ है और इस मुद्दे पर वह अंतर सरकारी समझौता चाहता है। भारत ने जवाबदेही पर रूस की चिंताओं का समाधान करने का प्रयास किया है। वह इस कानून को दुर्घटना होने की स्थिति में उपकरण विफल होने पर आपूर्तिकर्ता की गलती तक सीमित करने को तैयार है।
सरकारी क्षेत्र के जनरल इंश्योरेंस कारपोरेशन को बीमा की राशि और प्रीमियम पर काम करने को कहा गया है जिसमें आपूर्तिकर्ता भी शामिल होंगे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 20, 2013, 22:28