संबंधों की समीक्षा के लिए भारत-चीन के बीच छठी सामरिक वार्ता

संबंधों की समीक्षा के लिए भारत-चीन के बीच छठी सामरिक वार्ता

बीजिंग : भारत और चीन के शीर्ष राजनयिक द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा तथा उभरते संबंधों को गहराई प्रदान करने की नई पहल की संभावनाएं तलाशने के लिए छठे दौर की सामरिक वार्ता में यहां हिस्सा ले रहे हैं। विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अपने चीनी समकक्ष उप विदेश मंत्री लियू झेनमिन के साथ वार्ता की सह अध्यक्षता की। वार्ता से पूर्व अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्ष व्यापक संदभरे में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे जिसमें भारत. चीन मैत्री आदान प्रदान के इस वर्ष के मध्य के उपरांत नेतृत्व स्तरीय यात्राओं की योजना भी शामिल है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने इससे पूर्व बताया था कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों पर गहराई से, उच्च स्तरीय और विचारों का व्यावहारिक आदान प्रदान करेंगे जिसमें आपसी हितों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दे भी शामिल होंगे। सुजाता सिंह आज रात विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात करेंगी। सामरिक वार्ता में दोनों पक्षों द्वारा विभिन्न मुद्दे उठाए जाने की संभावना है जिनमें अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों की वापसी की पृष्ठभूमि में अफगानिस्तान में स्थिरता संबंधी चिंताएं और चीन के साथ भारत का 35 अरब डालर से अधिक के व्यापार घाटे का मसला प्रमुख है।

भारत की तरह ही चीन भी तालिबान और अल कायदा की वापसी को लेकर चिंतित है जो उसके मुस्लिम उग्यूर आबादी वाले प्रांत शिनजियांग पर असर डाल सकता है। यह प्रांत आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है। भारत द्वारा बैठक में 35 अरब डालर के वार्षिक व्यापार घाटे का मुद्दा एक बार फिर से उठाए जाने की संभावना है। इसके अलावा भारत चीनी बाजार को आईटी और फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए खोले जाने और चीन के भारत में निवेश संबंधी मुद्दों पर भी बात करना चाहेगा। सुजाता सिंह द्वारा अपने चीनी वार्ताकारों के साथ चीन में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले ग्लिमप्सेस ऑफ इंडिया उत्सव की योजनाओं को भी अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। यह उत्सव चीन में साल भर चलेगा।

यहां भारतीय दूतावास ने इस उत्सव के मद्देनजर भारत की सांस्कृतिक विरासत के भव्य प्रदर्शन के अलावा कारोबार और निवेश के अवसरों को पेश करने के लिए भी महत्वाकांक्षी योजनाएं बनायी हैं। दोनों पक्षों के बीच वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब भारत में आम चुनाव हो रहे हैं और चीनी सरकारी मीडिया में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को प्रमुखता से पेश किया जा रहा है जिनमें एक नयी सरकार के बनने की संभावना जतायी गयी है। इन सर्वेक्षणों में विपक्षी भाजपा के सत्ता में आने की बात कही जा रही है।

चीनी अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी बीजिंग में एक जाना पहचाना नाम हैं क्योंकि वह गुजरात के लिए निवेश की संभावनाओं को लेकर दो बार चीन की यात्रा कर चुके हैं । गुजरात को बड़े पैमाने पर चीनी निवेश प्राप्त हुआ है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 14, 2014, 15:49

comments powered by Disqus