भारत और चीन 14 अप्रैल को करेंगे रणनीतिक वार्ता

भारत और चीन 14 अप्रैल को करेंगे रणनीतिक वार्ता

बीजिंग : भारत और चीन के शीर्ष राजनयिक यहां अगले सप्ताह छठे रणनीतिक वार्ता के दौरान विविध मुद्दों पर गहन चर्चा करेंगे जिनमें युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में स्थायित्व तथा 35 अरब डॉलर के व्यापार घाटे पर भारत की चिंता शामिल हैं। विदेश सचिव सुजाता सिंह और चीनी उपविदेश मंत्री लीउ चेनमिन 14 अप्रैल को बातचीत करेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने आज यहां प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि दोनों पक्ष वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंध, उच्च स्तरीय विनिमय, व्यावहारिक सहयोग, परस्पर चिंता के अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर गहराई से चर्चा करेंगे। अफगानिस्तान से अमेरिका की अगुवाई वाली नाटो सेना के इस साल के आखिर तक चले जाने के बाद वहां आगे के रास्ते के बारे में संभावनाओं को लेकर चीन भारत के संपर्क में है।

उम्मीद है कि भारत 35 अरब डालर के व्यापार घाटे पर एक बार फिर अपनी चिंता रखेगा और आईटी एवं दवा उत्पाद के लिए चीनी बाजार खोलने की मांग करेगा। इसके आलवा भारत चीन से निवेश की भी मांग करेगा। सुजाता 12 अप्रैल को यहां पहुंचेंगी। वह चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मिलेंगी।

राष्ट्रपति शी चिनफिंग पहले ही भारत में नयी सरकार बनने पर वहां की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त कर चुके है। प्रधानमंत्री ली क्विंग ने पिछले साल यह पद संभालने के बाद सबसे पहल भारत की ही विदेश यात्रा की थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में संप्रग के पिछले 10 साल के शासनकाल में दोनों देशों के संबंध में काफी प्रगति हुई है और दोनों ने विवादास्पद सीमा पर अतिक्रमण से उत्पन्न तनावों से निबटने के लिए पिछले साल सीमा रक्षा सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों के अनुसार चीन के साथ संबंध सुधारने के लिए भारत में व्यापक राजनीतिक आम सहमति है। भारत में चुनाव के बाद भाजपा की अगुवाई में सरकार बनने की संभावना के बारे में चीनी अधिकारियों का कहना था कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी बीजिंग में एक परिचित चेहरा हैं क्योंकि वह गुजरात में निवेश के लिए पैरोकारी करते हुए दो बार यहां आ चुके हैं। उसके बाद गुजरात में काफी निवेश हुआ है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 9, 2014, 21:10

comments powered by Disqus