यूक्रेन से अपने एक हजार नागरिकों को निकालने में जुटा भारत

यूक्रेन से अपने एक हजार नागरिकों को निकालने में जुटा भारत

यूक्रेन से अपने एक हजार नागरिकों को निकालने में जुटा भारतमास्को : पांच सौ भारतीय नागरिकों का पहला समूह यूक्रेन के हिंसा प्रभावित शहर लुगांस्क से कीव पहुंचा। इस समूह में ज्यादातर छात्र शामिल हैं। भारत ने इस शहर से अपने करीब एक हजार नागरिकों को बाहर निकालने की व्यवस्था की है। लीबिया में 2011 में हजारों भारतीयों को हिंसा प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकालने के बाद यह इस तरह का सबसे बड़ा अभियान है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नयी दिल्ली में कहा कि भारतीय नागरिकों को एक शहर से दूसरे शहर ले जाने की व्यवस्था यूक्रेन की सरकार के सहयोग से की गई है। अधिकारियों के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने अपने नागरिकों को स्थानान्तरित करने के लिए ट्रेन की 500 टिकटों की व्यवस्था की है।

बचे भारतीय छात्रों और नागरिकों के जाने के लिए ट्रेन की 500 अन्य टिकटों की व्यवस्था कल के लिए की गई है। कीव में भारतीय राजदूत राजीव के चंदर ने लुगांस्क स्टेट मेडिकल यूनीवर्सिटी के रेक्टर को लिखे पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय अधिकारी स्थानीय प्रशासन को बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों की रवानगी के बारे में सूचित करें ताकि छात्रों के रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित पहुंचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जा सके।

चंदर ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से छात्रों द्वारा ट्रेन में सवार होकर लुगांस्क से राजधानी कीव के लिए रवानगी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। इन एक हजार भारतीय नागरिकों में से, 350 केरल, 300 तमिलनाडु, 150 आंध्र प्रदेश, 60 पंजाब, 25-25 जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र जबकि बाकी नागरिक गुजरात सहित 10 अन्य राज्यों के हैं।

भारत ने पिछले सप्ताह परामर्श जारी करके अपने नागरिकों से रूस समर्थित अलगाववादियों और सरकारी बलों के बीच हिंसक झड़पों के गवाह बन रहे पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क और लुगांस्क क्षेत्र छोड़ने की सलाह दी थी। (एजेंसी)






First Published: Tuesday, June 3, 2014, 20:34

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