Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 20:54

इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बरकरार रखने की मौजूदा व्यवस्थाओं में नए सिरे से उर्जा संचार करने का फैसला किया है। वाघा सीमा पर आज दोनों देशों के डीजीएमओ की बैठक हुई जिसमें यह सहमति बनी। 14 साल के बाद दोनों डीजीएमओ की आमने-सामने बातचीत हुई है।
बैठक के बाद जारी साझा बयान में कहा गया, ‘‘डीजीएमओ ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम कायम रखने की मौजूदा व्यवस्थाओं में नए सिरे से उर्जा का संचार करने पर सहमति जताई है।’’ इस बैठक में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने किया जबकि पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल आमेर रियाज कर रहे थे। इस वार्ता में भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ से एक ब्रिगेडियर और तीन लेफ्टिनेंट कर्नल ने हिस्सा लिया। बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली।
बैठक के बाद भाटिया ने कहा, ‘‘हमारे बीच सौहार्दपूर्ण, रचनात्मक और उपयोगी मुलाकात बैठक हुई। हमने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम तथा मौजूदा व्यवस्थाओं को लेकर बातचीत की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने मौजूदा व्यवस्थाओं को मजबूत करने और संघर्ष विराम सुनिश्चित करने का फैसला किया।’’ साझा बयान के अनुसार निकट भविष्य में नियंत्रण रेखा पर ब्रिगेड कमांडरों की फ्लैग बैठक होगी ताकि शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित किया जा सके। इसमें कहा गया है कि दोनों डीजीएमओ ने अपने हॉटलाइन संपर्क को अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाने का फैसला किया है।
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फैसला किया कि किसी नागरिक द्वारा भूलवश नियंत्रण रेखा पार कर जाने की स्थिति में एक दूसरे को सूचित करेंगे ताकि उस व्यक्ति की जल्द वापसी सुनिश्चित हो सके। यह पिछले 14 साल में दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच की पहली बैठक है। इससे पहले दोनों के बीच की आखिरी बैठक 1999 में हुई थी।
उधर, पाकिस्तानी मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा संभवत:नियंत्रण रेखा पर तैनात संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों :यूएनएमओजीआईपी: की भूमिका में इजाफा पर जोर दिया गया। नियंत्रण रेखा पर संघषर्विराम की निगरानी के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पारित प्रस्ताव के तहत 1949 में यूएनएमओजीआईपी का गठन किया गया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने तनाव खत्म करने के लिए इस बैठक का प्रस्ताव किया था। उनके प्रस्ताव के तीन महीने बाद यह बैठक हो रही है। शुरू में पाकिस्तान ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बैठक में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया था। भारत ने उसका यह प्रस्ताव नामंजूर कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 18:30