भारतीय बच्चों को मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत: पॉल

भारतीय बच्चों को मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत: पॉल

लंदन : प्रमुख अप्रवासी भारतीय उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल ने कहा है कि भारत को अपने बच्चों की मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं और उनके कल्याण पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत है जिनमें कुपोषण, नवजात शिशु और मातृत्व मृत्यु दर मुख्य मुद्दे हैं।

रायल कालेज आफ पिडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ (आरसीपीसीएच) और इंडियन अकेडमी आफ पिडियाट्रिक्स (आईएपी) के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीती रात लार्ड पॉल ने कहा, किसी भी अन्य देश के मुकाबले भारत को, मेरे हिसाब से जो सबसे अधिक जरूरी है , वह है अपने बच्चों की मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं और उनके कल्याण पर बहुत अधिक ध्यान देना।

उन्होंने कहा, कुपोषण तथा ग्रामीण स्तर पर नवजात और मातृत्व मृत्यु दर जैसे मुद्दों से निपटने के लिए संसाधनों में समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए। हमें इन गांवों में महिला शिक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। पॉल ने कहा, बच्चों की शुरूआती देखभाल उनकी मांओं, दादी नानी, बुआ, चाची और बहनों द्वारा की जाती है और बच्चों में सकारात्मक स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यूनीसेफ के ताजा आंकड़ें बताते हैं कि दुनियाभर में प्रत्येक तीन में से एक कुपोषित बच्चा भारत में पाया जाता है जबकि देश में पांच साल से कम उम्र के 42 फीसदी बच्चे कम वजन के हैं। आंकड़ें यह भी दिखाते हैं कि पांच साल से कम उम्र के 58 फीसदी बच्चों का विकास अवरूद्ध है।

बच्चों के स्वास्थ्य में अपनी विशेष रूचि बताते हुए पॉल ने कहा, यह बच्चे की सेहत का ही मामला था जो मुझे इस देश में ले आया। मेरे मामले में.... मेरी बेटी अंबिका और मैं उन बेहतरीन बाल चिकित्सक डा. हार्ट को नमन करना चाहते हैं जिन्होंने सालों पहले अंबिका की देखभाल की थी। उन्होंने कहा, वह एक महान इंसान थे और बेहद ही कुशल बाल चिकित्सक।मुझे नहीं पता कि वह अभी भी हमारे साथ हैं या नहीं लेकिन मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा।

लार्ड पॉल ने कहा कि बच्चों की पीड़ा कुछ ऐसी चीज है जो हर माता पिता और उनके परिवार को आहत करती है। यहां पर बाल चिकित्सकों की विशेषज्ञता और समर्पण हम सभी के काम आता है। यहां ब्रिटेन में, मैं बच्चों के हितों के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं , वह मैंने करने का प्रयास किया है। उन्होंने अंबिका पाल फाउंडेशन के बारे में बताया कि शिक्षा को प्रोत्साहित करना संगठन की पहली प्राथमिकता है और पिछले कई सालों में इसके लिए भारी अनुदान दिया गया है।

लार्ड पाल ने कहा, एक उदाहरण, कार्नेजी मैलोन यूनिवर्सिटी, पिटसबर्ग का है जहां इंफेंट लैब सुइट को विशेष महत्व दिया गया है। यहां शोधकर्ता के नवजात के विकास को समझने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि आटिजम और बोलने की बाधित क्षमता जैसी दुश्वारियों से जूझ रहे बच्चों की मदद की जा सके। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 12, 2013, 17:03

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