Last Updated: Wednesday, November 6, 2013, 09:08
वॉशिंगटन : मंगल ग्रह के रहस्य सुलझाने के लिए भारत की ओर से उपग्रह के सफल प्रक्षेपण की अमेरिका के मुख्यधारा के मीडिया में व्यापक चर्चा हुई है और मंगल मिशन को इस क्षेत्र में चीन के खिलाफ ‘एक प्रतीकात्मक कौशल’ तथा भारत के लिए एक ‘प्रौद्योगिकी उपलब्धि’ करार दिया गया है।
वाल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में कहा गया है, ‘अगर यह सफल हो जाता है तो भारत का मंगल मिशन इस दक्षिण एशियाई देश के लिए एक बड़ी प्रौद्योगिकी उपलब्धि होगा और उसे अंतरिक्ष के क्षेत्र में उसके प्रतिद्वन्द्वियों चीन तथा जापान से आगे ले जाएगा।’
सीएनएन की खबर में कहा गया है, ‘भारत के मार्स ऑर्बिटर का सफल अभियान देश को लाल ग्रह पर पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बनाएगा और उसे एक प्रतीकात्मक कौशल मुहैया कराएगा क्योंकि पड़ोसी देश चीन अंतरिक्ष में अपनी महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ा रहा है।’ इसके अलावा, सीएनएन ने यह भी कहा है कि इससे एशिया में अंतरिक्ष के लिए बढ़ती होड़ के दावों को भी बल मिला है जिसके संभावित रूप से खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।
यूएस नेवल पोस्टग्रेजुएट स्कूल के प्रोफेसर डॉ जेम्स क्ले मोल्ट्ज ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि भारत का नेतृत्व अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में चीन की हालिया उपलब्धियों को एशिया में अपने रूतबे के लिए खतरे के तौर पर देखता है और इसका जवाब देने की जरूरत महसूस करता है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 6, 2013, 09:08