इराक में हिंसा के बीच चुनाव, PM मलिकी का जीत का दावा

इराक में हिंसा के बीच चुनाव, PM मलिकी का जीत का दावा

बगदाद : अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद आज इराक में पहले चुनाव में लोगों ने आतंकवादी हमलों को धता बताते हुए मतदान किया तथा प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने मतदान करने के बाद जीत का दावा किया। मतदान केंद्रों में सुबह से लंबी लंबी कतार लग गयी। वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। हाल में चुनाव प्रचार अभियान में काफी हिंसा देखने को मिली।

पूर्वाह्न मतदान में थोड़ी कमी आयी लेकिन दोपहर बाद मतदान के तेज होने की संभावना है। शाम छह बजे तक वोट डाले जायेंगे। मतदाताओं के पास खराब जनसेवाओं से लेकर व्यापक भ्रष्टाचार जैसी शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन महीने भर चला चुनाव प्रचार सुरक्षा की स्थिति में भारी गिरावट पर ध्यान केंद्रित रहा। मलिकी ने बगदाद की अतिसुरक्षा वाले ग्रीन जोन के रशीद होटल में मतदान केंद्र पर वोट डाला। उन्होंने मतदाताओं को बड़ी संख्या में मतदान केंद्र पर पहुंचने और मतदान करने के लिए प्रेरित किया और सत्ता में वापसी के प्रति विश्वास व्यक्त किया।

मलिकी ने कहा, आज बड़ी सफलता है और पिछले चुनावों से भी ज्यादा सफल , इराकी जमीन पर कोई विदेशी सैनिक नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता सरकार से हटकर राजनीतिक बहुमत वाली सरकार का आह्वान किया । उन्होंने पूरे विश्वास के साथ पत्रकारों से कहा, हमारी जीत पक्की है लेकिन हम इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि हमारी जीत कितनी बड़ी होगी। चुनाव से पहले राजधानी बगदाद और अन्य प्रमुख शहर पोस्टरों से पाट दिए गए थे। दिसंबर 2011 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह पहला चुनाव है।

राजनीतिक दलों ने रैलियों का आयोजन किया और भावी सांसदों ने टेलीविजन पर गर्मागर्म बहस में हिस्सा लिया। हालांकि राजनीतिक दलों के उम्मीदवार मतदाताओं से मुद्दों के बजाय धार्मिक, जातीय या कबीलाई आधार पर वोट मांगते नजर आए। विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि मतदाता अपनी जान जोखिम में डालने के बाद घरों में कैद रहना पसंद करेंगे। पिछले दो दिन में उग्रवादियों ने करीब 90 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। दो करोड़ से अधिक मतदाता संसद की 328 सीटों पर नौ हजार उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार उत्तर और पश्चिम इराक में 40 से अधिक मोर्टार और ग्रेनेड हमले तथा बम धमाके किए गए। बगदाद के उत्तर में उग्रवादियों ने एक मतदान केंद्र पर कब्जा कर लिया। उन्होंने वहां से मतदानकर्मियों एवं मतदाताओं को हटाने के बाद धमाके कर केंद्र को उड़ा दिया। लेकिन कई इराकियों ने कहा कि वे अशांति के बाद भी वोट डालने के लिए कटिबद्ध हैं।

67 वर्षीय मतदाता अबू अशरफ ने कहा, मैं अपने बच्चों के लिए बदलाव, भविष्य में परिवर्तन तथा देश की स्थिति बेहतर करने के वास्ते वोट डालने आया हूं। उन्नीस वर्षीय विद्यार्थी नूर राद ने कहा कि उन्होंने नेताओं को बदलने के लिए वोट डाला क्योंकि उनमें ज्यादातर ने स्थिति में सुधार के लिए काम नहीं किया। कई मतदाताओं ने मलिकी के नेतृत्व में विश्वास प्रकट किया। उम्म जब्बार ने कहा, यदि हम वोट डालने नहीं आते तो कौन सत्ता में आ रहा है। क्या दुश्मन आएगा। मैं मलिकी के पक्ष में वोट दे रहा हूं क्योंकि वह दुश्मनों की आंखों में कांटे हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 30, 2014, 22:37

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