झुंपा लाहिड़ी की पुस्तक ‘द लॉलैंड’ बुकर पुरस्कार की दौड़ में

झुंपा लाहिड़ी की पुस्तक ‘द लॉलैंड’ बुकर पुरस्कार की दौड़ में

झुंपा लाहिड़ी की पुस्तक ‘द लॉलैंड’ बुकर पुरस्कार की दौड़ में लंदन : भारतीय मूल की अमेरिकी उपन्यासकार झुंपा लाहिड़ी अन्य पांच दिग्गज साहित्यकारों के साथ प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो गयी हैं।

आज रात लंदन के गिल्डहॉल में डचेस ऑफ कोर्नवाल कैमिला द्वारा दिए जाने वाले 50,000 पाउंड के पुरस्कार के लिए उनका मुकाबला जिम कै्रस की पुस्तक ‘हार्वेस्ट’ से है।

इस प्रतिस्पर्धा में सबसे कम उम्र की साहित्यकार एलियनोर कट्टन हैं जो कड़े मुकाबले में प्रतिस्पर्धी के रूप में उभरी हैं। उनकी पुस्तक ‘द लुमिनरीज’ है और उनकी उम्र 27 वर्ष है।

लंदन में पैदा होने वाली लाहिड़ी अपनी पुस्तक ‘द लॉलैंड’ के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं जो 1960 के दशक के दो भाइयों- सुभाष और उदयन की कहानी है।

लाहिड़ी अपने पहले कहानी संग्रह ‘द इंटरप्रेटर ऑफ मैलेडीज’ को पुल्तिजर सम्मान मिलने के बाद से ही सुखिर्यों में हैं। उनके पहले उपन्यास ‘द नेमसेक’ पर मीरा नायर ने फिल्म बनायी जबकि उनकी पुस्तक ‘अनअकस्टम्ड अर्थ’ प्रकाशन के शीघ्र बाद सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक बन गयी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 15, 2013, 18:33

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